विज्ञापन

शेयर बाजार के निवेशकों को झटका, LTCG-STCG से सरकार वसूलेगी ज्यादा टैक्स, समझें 11 महीने और 13 महीने का खेल

LTCG यानी लॉन्ग टर्म कैपिटल टैक्स और STCG यानी शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स यह दोनों अलग-अलग दरें हैं जो शेयर बाजार के निवेशकों को देना होता है.

शेयर बाजार के निवेशकों को झटका, LTCG-STCG से सरकार वसूलेगी ज्यादा टैक्स, समझें 11 महीने और 13 महीने का खेल

LTCG & STCG Tax in Budget: शेयर बाजार से आज के समय में ज्यादा से ज्यादा लोग पैसा लगाने लगे हैं. क्योंकि शेयर बाजार से अच्छा इनकम होता है तो लोगों का झुकाव भी काफी ज्यादा हो गया है. लेकिन शेयर बाजार से ज्यादा पैसा कमाने वालों के पैसों पर अब सरकार की नजर टिकी है. क्योंकि अब शेयर बाजार से कमाने वालों पर टैक्स का बोझ बढ़ गया है. केंद्रीय बजट में निर्मला सीतारमण ने LTCG और STCG टैक्स दर को बढ़ा दिया है. जिससे शेयर बाजार से होने वाली कमाई पर अब आपको ज्यादा टैक्स देना होगा.

LTCG यानी लॉन्ग टर्म कैपिटल टैक्स और STCG यानी शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स यह दोनों अलग-अलग दरें हैं जो शेयर बाजार के निवेशकों को देना होता है. अब यह टैक्स बढ़ा दिया गया है तो आप निवेश करने से पहले इसके नियम को समझ लें.

कितना बढ़ा LTCG और STCG टैक्स

केंद्रीय बजट 2024-25 में LTCG टैक्स 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत कर दी गई है. जबकि STCG टैक्स को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है. हालांकि छूट सीमा 1.25 लाख रुपये प्रति वर्ष निर्धारित की जाएगी. इसके साथ ही बजट में बायबैक से इनकम पर टैक्स की देनदारी कर दी गई है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 1 अक्तूबर से शेयरों की दोबारा खरीदी यानी की बायबैक पर शेयर धारकों को मिलने वाले डिविडेंड के समान टैक्स लगाया जाएगा. 

इसका असर यह होगा कि निवेशकों पर टैक्स का बोझ ज्यादा होगा. इसके साथ ही शेयरों को हासिल करने के लिए शेयर धाकर जिस राशि का भुगतान करेंगे. उनके पूंजीगत लाभ या हानि की गणना में जोड़ा जाएगा. सीतारमण ने सदन में कहा, इक्विटी के लिए मैं प्राप्तकर्ता के शेयरों के जरिए बायबैक से हुई इनकम पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव करती हूं. हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि इसके पीछे की वजह समझ नहीं आ रही है. लेकिन ऐसा कहा जा सकता है कि सरकार चाहती है आपने जो गेन्स किया है उससे कुछ हिस्सा हमें भी दो.

क्या है LTCG और STCG टैक्स

LTCG टैक्स की अवधि 12 महीने से ज्यादा होती है. अगर आप शेयर या कोई एसेट खरीदने के बाद उसे 1 साल बाद बेचते हैं तो आपको LTCG टैक्स देना पड़ता है. वहीं STCG टैक्स तब लगता है जब आप कोई शेयर खरीदकर उसे लाभ में 12 महीने से पहले ही बेच देते हैं. यानी 11 महीने में शेयर बेचते हैं तो STCG और 13 महीने में शेयर बेचते हैं तो LTCG टैक्स लगेगा.

यह भी पढ़ेंः राजस्थान के इस बैंक के 9000 खातों को किया गया फ्रीज, भ्रष्टाचार का खेल शुरू होने पर दिये गए जांच के आदेश

Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close