India vs New Zealand: क्रिकेट में मैदान पर अनहोनी होना कोई नई बात नहीं' ऐसा ही कुछ बेंगलुरु टेस्ट में टीम इंडिया के साथ हुआ. जहां एक गलत फैसला टीम पर भारी पड़ गया और उनकी जग हंसाई हो रही है. फैसले कभी सही होते हैं तो कभी गलत न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में भी रोहित शर्मा का फैसला टीम के लिए गलत साबित हुआ. बेंगलुरु की पिच को कप्तान साहब ने गलत जज किया और टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करना टीम पर भारी पड़ गया. पतझड़ की तरह टीम के बल्लेबाज पवेलियन लौटते चले गए.
भारतीय कप्तान के एक फैसले के कारण 36 साल पुराना इतिहास पलटता दिख रहा है. अगर ऐसा हुआ तो मुख्य कोच गौतम गंभीर के लिए यह काफी बड़ा झटका होगा. रोहित ने भी फैसले को गलत मानते हुए स्वीकार किया है कि उनसे पिच को पढ़ने में भूल हुई है.
36 साल के इतिहास से कनेक्शन
क्या है इसका 36 साल के इतिहास से कनेक्शन?, दरअसल इसमें कोई दो राय नहीं कि टॉस जीतकर रोहित शर्मा का पहले बल्लेबाजी करने का फैसला टीम इंडिया के लिए आत्मघाती रहा. उनके इस फैसले ने अब 36 साल के इतिहास को पलटने की उम्मीद जगा दी है. यहां 36 साल के इतिहास से मतलब न्यूजीलैंड के भारत में टेस्ट मैच जीतने से है.
एक तो अपने ही देश की जमीन पर टेस्ट मैच में 46 रन पर लुढ़कने का रिकॉर्ड बना. अब ऊपर से 36 साल बाद भारत में न्यूजीलैंड ने टेस्ट मैच भी जीत लिया तो गंभीर की कोचिंग में वो सब होता दिखेगा, जो पहले नहीं दिख रहा था. ऐसे में उन पर भी सवाल उठना लाजमी है.
हालांकि टीम इंडिया के पास अभी भी एक पारी है. बेंगलुरु टेस्ट में अभी काफी खेल भी बचा है. लेकिन भारतीय टीम को एक बड़ी हार से बचने के लिए दमदार प्रदर्शन करना होगा और ऐसा भारतीय टीम कई बार पहले भी कर चुकी है.
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