
Patient dies due to treatment by fake doctor: बूंदी में झोलाछाप के इंजेक्शन से युवक की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा कर दिया. मामूली सिरदर्द की शिकायत पर इलाज के लिए पहुंचे मरीज को झोलाछाप डॉक्टर ने इंजेक्शन लगा दिया. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया और साथ ही चिकित्सा विभाग ने भी एक्शन लिया. घटना जिले के देई थाना क्षेत्र में लाम्बा बरडा गांव की है. इस घटना के बाद परिजनों में आक्रोश फैल गया. क्लिनिक पर परिजनों के हंगामे की सूचना के बाद पुलिस पहुंची और मामले की जांच शुरू की. शव को कब्जे में लेकर अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है. मामला गरमाता देख आरोपी झोलाछाप भी मौका देखकर फरार हो गया.
तबीयत बिगड़ी तो मरीज को हॉस्पिटल लेकर पहुंचा आरोपी
देई थानाधिकारी रामेश्वर चौधरी ने बताया कि मृतक के भाई पीपल्या निवासी प्रभुलाल जोगी ने शिकायत दर्ज कराई है. रिपोर्ट के मुताबिक, "पप्पूलाल जोगी को सिर में हल्का दर्द सिर दर्द होने पर लाम्बाबरडा चौराहे पर स्थित निजी क्लिीनिक पर गए थे. यहां इलाज के दौरान पप्पूलाल के 2 ग्लूकोज की बोतल चढ़ाई. उसके बाद हाथ मे एक इंजेक्शन भी लगाया, लेकिन इसके 15 मिनट बाद ही मौत हो गई. क्लिीनिक चलाने वाला मनीष पप्पूलाल को देई चिकित्सालय लेकर आया, जहां चिकित्सको द्वारा मृत घोषित किया. इसके बाद आरोपी मनीष मृतक को वही छोड़कर भाग गया.
चिकित्सा विभाग ने सीज किया क्लीनिक
इसके बाद चिकित्सालय पहुंचकर परिजनों ने पुलिस को सूचित किया. पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर मामला दर्ज लिया है. वहीं, चिकित्सा विभाग ने भी क्लिनिक सीज कर दिया. थानाधिकारी रामेश्वर जाट ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया है. केस दर्ज होने के साथ ही क्लिीनिक पर चिकित्सा विभाग द्वारा नोटिस चस्पा किया गया है.
मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता दिए जाने की मांग
जानकारी के मुताबिक, मृतक के 4 बच्चे थे. झोलाझाप के इस गुनाह के बाद 3 बेटे और एक बेटी के सिर से पिता का साया उठ गया. अब परिवार के सामने इन बच्चों के पालन-पोषण की समस्या खड़ी हो गई है. ऐसे में आक्रोशित लोगों ने सरकार से मृतक के परिजनों को आर्थिक सहायता दिलाने की मांग उठाई.
यह भी पढ़ेंः सीकर में पीने के पानी को तरसे लोग, देर रात ही कलेक्टर आवास के बाहर दिया धरना