
Rajasthan News: राजस्थान के डीडवाना जिले के कुचामन सिटी में पुलिस ने साइबर ठगी के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है. इस कार्रवाई में तीन युवकों को गिरफ्तार किया गया, जो साइबर ठगों के लिए काम करते थे. पुलिस ने इनके पास से लाखों रुपये नकद और कई संदिग्ध सामान बरामद किए हैं. यह कार्रवाई जिला पुलिस अधीक्षक ऋचा तोमर के निर्देश और कुचामन थानाधिकारी सतपाल सिंह के नेतृत्व में हुई.
पुलिस को कैसे मिली सफलता
हेड कांस्टेबल रामदेव पुरी को गश्त के दौरान सूचना मिली कि बूड़सू चौराहे के पास एक होटल के बाहर कुछ युवक संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त हैं. पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर घेराबंदी की और तीन युवकों को हिरासत में लिया. इनके पास से 8 मोबाइल फोन, 11 एटीएम कार्ड, एक बैंक पासबुक, एक चेकबुक, एक कियोस्क कार्ड और 2 लाख 30 हजार रुपये नकद बरामद हुए. जांच में पता चला कि इनके बैंक खातों में करोड़ों रुपये के संदिग्ध लेन-देन हुए, जिनमें एक खाते में 39 लाख 70 हजार रुपये और दूसरे में 2 करोड़ 24 लाख 92 हजार 319 रुपये का ट्रांजैक्शन पाया गया.
जानें कैसे काम करता था यह गिरोह
गिरफ्तार युवक कमीशन के लालच में साइबर ठगों के लिए काम करते थे. वे बाजार से सस्ते दाम पर USDT (ऑनलाइन बैलेंस) खरीदते और उसे ज्यादा कीमत पर बेचते थे. ठगी की रकम उनके खातों में आती थी, जिसे वे तुरंत एटीएम से निकालकर अपने सरगना को सौंप देते थे. इसके बदले उन्हें कमीशन मिलता था. इस तरह वे आम लोगों को ठगने में शामिल थे.
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान
पुलिस ने जिन तीन युवकों को पकड़ा, उनकी पहचान हरेंद्र गोदारा (ईटावा), मनीष मुवाल (बूड़सू) और सुनिल प्रजापत (धनकोली) के रूप में हुई है. इनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 111 और 112 के तहत मामला दर्ज किया गया है. जांच का जिम्मा सहायक उपनिरीक्षक जगदीश प्रसाद दवे को सौंपा गया है.
पुलिस अधीक्षक की जनता से अपील
पुलिस अधीक्षक ऋचा तोमर ने लोगों से आग्रह किया है कि वे अपने बैंक खाते, एटीएम कार्ड, पासबुक या मोबाइल वॉलेट का इस्तेमाल किसी अनजान व्यक्ति को न दें. उन्होंने चेतावनी दी कि कमीशन के लालच में ऐसी गतिविधियों में शामिल होना कानूनी अपराध है और इसमें शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.
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