Rajasthan News: राजस्थान के जोधपुर शहर में जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने एक बड़े ट्रांसपोर्टर के खिलाफ तगड़ी कार्रवाई की है. ट्रांसपोर्टर पर फर्जी बिलिंग और बिल्टी बनाकर जीएसटी का इनपुट क्रेडिट हासिल करने का आरोप है. डीजीजीआई की टीम ने शुक्रवार सुबह शहर के बासनी इलाके में छापेमारी शुरू की जो देर रात तक चली. इस कार्रवाई में चार भाइयों के घर और ऑफिस से कई चौंकाने वाले सबूत मिले हैं.
कृष्णा नगर और बासनी में छापेमारी
डीजीजीआई को सूचना मिली थी कि बासनी सैकंड फेज में स्थित रीतू रोडलाइंस नाम की फर्म फर्जी बिलिंग के जरिए जीएसटी का गलत फायदा उठा रही है. इस फर्म का मालिक विष्णु गोयल है. जांच में पता चला कि बड़ी राशि में फर्जी इनपुट क्रेडिट लिया जा रहा था. इसके बाद डीजीजीआई की 20-25 सदस्यों की टीम ने पाली रोड के कृष्णा नगर में विष्णु गोयल और उनके तीन भाइयों के बंगलों पर छापा मारा. साथ ही बासनी सैकंड फेज में फर्म के ऑफिस की भी तलाशी ली गई.
दस्तावेजों ने खोली पोल
टीम ने घरों और ऑफिस में रखे दस्तावेजों और फाइलों की गहन जांच की. इस दौरान फर्जी बिलिंग से जुड़े कई सबूत सामने आए. जांच में फर्जी इनपुट क्रेडिट लेने की कई परतें खुलीं जिससे मामला और गंभीर हो गया. डीजीजीआई की कार्रवाई से ट्रांसपोर्टर के कारोबार में हड़कंप मच गया.
रात तक जारी रही जांच
डीजीजीआई की टीमें देर रात तक दस्तावेजों की जांच और पूछताछ में जुटी रहीं. इस कार्रवाई से जोधपुर के व्यापारिक circles में खलबली मच गई है. अभी यह साफ नहीं है कि फर्जी बिलिंग की राशि कितनी है लेकिन सूत्रों का कहना है कि यह राशि करोड़ों में हो सकती है. डीजीजीआई अब इस मामले की और गहराई से जांच कर रही है ताकि पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हो सके.
यह भी पढ़ें- निजी मेडिकल कॉलेजों की मनमानी फीस वसूली पर लगेगी रोक, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बने सख्त नियम