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राजस्थान में विद्युत निगम में 1.15 करोड़ का गबन, कैशियर समेत असिसटेंट इंजीनियर और रेवेन्यू ऑफिसर निलंबित

राजस्थान में अजमेर जिले के बिजली बोर्ड में 1.15 करोड़ का घोटाला करने वाले कैशियर, सहायक अभियंता और सहायक राजस्व अधिकारी को अजमेर डिस्कॉम प्रबंधन ने निलंबित कर दिया. इसके साथ ही सभी अभियंता और लेखा विंग के अधिकारियों को नियमित मोनिटरिंग के दिए निर्देश.

राजस्थान में विद्युत निगम में 1.15 करोड़ का गबन, कैशियर समेत असिसटेंट इंजीनियर और रेवेन्यू ऑफिसर निलंबित
मुख्य आरोपी अद्वितीय निमावत.

Ajmer Electricity Board Scam News: राजस्थान में आए दिन बड़े-बड़े घोटाले सामने आ रहे हैं. जिसमें हाल ही में अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में 1 करोड़ 15 लख रुपए का गबन करने वाले कैशियर, सहायक अभियंता और सहायक राजस्व अधिकारी को अजमेर डिस्कॉम प्रबंधन ने निलंबित कर दिया. जिसके साथ ही सभी अभियंता, लेखा विंग के अधिकारियों को नियमित मोनिटरिंग के दिए निर्देश दिए हैं.

वहीं गबन और धोखाधड़ी करने वाले स्टाफ के खिलाफ उदयपुर के मावली थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है. जिसके बाद प्रबंध निदेशक ने कहा कि इस गबन में और कौन-कौन कर्मचारी शामिल है, जिसकी जांच  जारी है. जो भी कार्मिक और दोषी पाया जाएगा. उसके खिलाफ निगम नियमानुसार सख्त और अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगा.

1.15 करोड़ रुपयों का हुआ घोटाला

अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड द्वारा 21 दिसंबर 2024 को सहायक अभियंता और मावली कार्यालय में तैनात कैशियर के खिलाफ मावली थाने में शिकायत दर्ज करायी गयी थी. शिकायत दर्ज कराने के बाद निगम के लेखाधिकारी और सहायक लेखाधिकारी द्वारा प्रथम दृष्ट्या जांच करने में करीब 1.15 करोड़ रुपयों के गबन का खुलासा हुआ. इसके बाद पुलिस ने 24 दिसंबर को कैशियर धर्मवीर चौधरी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई.

इस प्रकरण में अजमेर डिस्कॉम प्रबंधन ने संज्ञान लेते हुए तत्काल प्रभाव से मावली उपखंड के सहायक अभियंता बृजेन्द्र गहलोत , कैशियर धर्मवीर चौधरी और सहायक राजस्व अधिकारी अद्धितीय निमावत को निलंबित कर दिया है. निलंबन काल में इन तीनों का मुख्यालय सम्भागीय मुख्य अभियंता कार्यालय उदयपुर रहेगा.

कर्मचारी की संलिप्तता मिली तो होगी कार्रवाई

इसके साथ ही प्रबंध निदेशक KP वर्मा ने सभी संभागीय मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता, अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता, कनिष्ठ अभियंता, मुख्य लेखाधिकारी, सहायक राजस्व अधिकारी, वृत्त लेखाधिकारी, सहायक लेखाधिकारी को निर्धारित मानकों के अनुसार अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए निर्देशित किया है ताकि अनुचित कार्रवाई से बचा जा सके. वर्मा ने कहा कि जांच में जिस भी कार्मिक की संलिप्तता पायी जाएगी उसके विरुद्ध निगम नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

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