मधुमेह यानी कि डायबिटीज आज घर-घर की बीमारी बन चुका है. पहले 50-60 साल की उम्र में लोगों में मधुमेह की शिकायत आती थी. लेकिन अब तो 25 साल के युवा भी डायबिटीज के शिकार हो रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि डायबिटीज अपने साथ और भी कई बीमारियों को लाता है. इससे हार्ट संबंधी समस्याएं भी बढ़ती है. ऐसे में डायबिटीज के मरीजों को विशेष सतर्क रहने की जरूरत होती है. डायबिटीज का इलाज लंबा है. साथ ही इससे बचाव के लिए कई तरह की पाबंदियों का पालन करना भी जरूरी होता है. मधुमेह को कैसे कंट्रोल किया जाए? इसपर माधवबाग मधुमेह मुक्त भारत मिशन की शुरुआत की है.
इस मिशन के तहत 14 नवंबर विश्व मधुमेह दिवस से देशभर में 400 कार्यशालाएं आयोजित की गई. जिसमें लोगों को उनके मधुमेह रिवर्सल के सफर में मार्गदर्शन दिया गया. इस दौरान लोगों का ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट (GTT) कर "डायबिटीज रिवर्सल" का एक उदाहरण स्थापित किया गया.
देशभर के 350+ क्लीनिकों में ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट (GTT) कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें माधवबाग ने एक ही समय में 1,153+ टाइप 2 डायबिटीज रोगियों का परीक्षण किया, यह दिखाते हुए कि सही देखभाल के साथ मधुमेह को प्रभावी ढंग से प्रबंधित और रिवर्स किया जा सकता है.
माधवबाग के खोपोली कार्डिएक केयर अस्पताल से लाइव प्रसारित हुए इस कार्यक्रम ने न केवल माधवबाग की विशेषज्ञता को प्रदर्शित किया बल्कि 2018 में उनके स्वयं के रिकॉर्ड को भी तोड़ा, जब उन्होंने 660+ डायबिटीज मरीजों के लिए GTT का आयोजन किया था. 2024 का कार्यक्रम इस उपलब्धि का दोगुना था.
शरीर की ग्लूकोज को संसाधित करने की क्षमता का मूल्यांकन करने वाला GTT परीक्षण, मरीजों को ग्लूकोज समाधान का सेवन कराकर और समय-समय पर उनके ब्लड सुगर लेवल को चेक किया गया. इस कार्यक्रम ने मधुमेह से लड़ने में आयुर्वेद, व्यक्तिगत आहार और जीवनशैली में बदलावों की शक्ति को रेखांकित किया.
लाइव इवेंट में प्रेरणादायक मरीजों की सफलता की कहानी और प्रसिद्ध स्वास्थ्य विशेषज्ञों के विचार शामिल थे, जिसमें अभिनेत्री किशोरी शहाणे ने निदेशक के रूप में कार्यक्रम को ऊर्जा प्रदान की. माधवबाग 'मधुमेह मुक्त भारत' (डायबिटीज-फ्री इंडिया) अभियान का उद्देश्य 10 करोड़ भारतीयों तक पहुँचने और उन्हें आयुर्वेद और जीवनशैली में बदलावों के माध्यम से स्वस्थ जीवन की ओर मार्गदर्शन करने का है.
प्रसिद्ध विशेषज्ञों में डॉ. प्रसाद वैंगणकर (सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ, पूर्व WHO राष्ट्रीय अधिकारी), डॉ. रोहित साने (संस्थापक, माधवबाग), डॉ. गुरुदत्त अमिन (मुख्य चिकित्सा अधिकारी), और डॉ. प्रवीण घाडीगांवकर (पेशेंट इम्प्रूवमेंट हेड) ने मधुमेह प्रबंधन और रिवर्सल में जीवनशैली में बदलाव और आयुर्वेदिक उपचारों की महत्वपूर्ण भूमिका पर अपने विचार साझा किए.
इस अभियान के बारे में डॉ. रोहित साने ने कहा कि यह कार्यक्रम केवल आंकड़ों के बारे में नहीं है. बल्कि यह साबित करने के लिए है कि मधुमेह रिवर्सल संभव है. डॉ. साने ने आगे बताया कि सही मार्गदर्शन और समग्र उपचार के साथ, हम मधुमेह पर विजय प्राप्त कर सकते हैं. माधवबाग ने मधुमेह प्रबंधन और रिवर्सल में हमारे नेतृत्व को साबित किया है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)