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Exclusive: युवाओं में क्यों बढ़ रहे Silent Heart Attack के मामले? डॉ. रामकेश परमार ने समझाया

डॉक्टर रामकेश परमार ने बताया वर्तमान समय में कुछ युवा भी साइलेंट हार्ट अटैक की जद में आ रहे हैं, जिनमें ऐसे युवा भी शामिल हैं, जो रनिंग एवं जिम के माध्यम से एक्सरसाइज करते हैं.

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Exclusive: युवाओं में क्यों बढ़ रहे Silent Heart Attack के मामले? डॉ. रामकेश परमार ने समझाया
प्रतीकात्मक तस्वीर.

Rajasthan News: धौलपुर जिले के एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे जयपुर सवाई मान सिंह अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ रामकेश परमार ने एनडीटीवी राजस्थान से रूबरू होकर हार्ट अटैक बीमारी के बचाव एवं उपचार के महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं. साइलेंट हार्ट अटैक की जद में युवा पीढ़ी भी आने लगी है. डॉक्टर ने युवाओं को नशाखोरी से दूर रहने के साथ अधिक इम्यूनिटी नहीं लेने की भी नसीहत दी है. डॉक्टर परमार ने कहा कि युवा, अधेड़ एवं बुजुर्ग सभी प्रकार की आयु के लोग साइलेंट हार्ट अटैक की जद में आ रहे हैं. 

साइलेंट हार्ट अटैक का मुख्य कारण?

हृदय के अंदर रक्त धमनियों तक पहुंचता है. हृदय की धमनियों में रक्त की रूकावट होने से संचार नहीं हो पता है. ऐसी स्थिति में हार्ट अटैक की संभावना बन जाती है. डॉक्टर ने बताया साइलेंट हार्ट अटैक का मुख्य कारण मोटापा माना जाता है. सुविधा एवं संसाधनों की वजह से शारीरिक परिश्रम काम हो पाता है. अधिक चर्बी बढ़ने पर हार्ट अटैक की संभावना बन जाती है. व्यायाम एवं एक्सरसाइज का अभाव होना भी साइलेंट हार्ट अटैक का कारण है. इस वजह से यह बीमारी अधिक बढ़ रही है. हार्ट अटैक का तीसरा कारण नशाखोरी भी माना जाता है. डॉक्टर ने बताया अधिक शराब का सेवन एवं धूम्रपान से हार्ट अटैक की संभावना प्रबल बन जाती है.

कॉमन बीमारियां भी हैं जिम्मेदार

हार्ट अटैक बीमारी को बढ़ाने के लिए डायबिटीज, कोलस्ट्रोल एवं ब्लड प्रेशर की बीमारी हृदय की नसों को सुकडने का काम करती हैं. इसके अलावा मानसिक अवसाद एवं तनाव भी हार्ट अटैक को बढ़ावा देता है. चिकित्सक ने कहा इन बीमारियों के साथ तनाव एवं मानसिक अवसाद पर भी लोगों को विशेष ध्यान देना पड़ेगा.

अधिक इम्यूनिटी भी घातक

डॉक्टर रामकेश परमार ने बताया वर्तमान समय में कुछ युवा भी साइलेंट हार्ट अटैक की जद में आ रहे हैं, जिनमें ऐसे युवा भी शामिल हैं, जो रनिंग एवं जिम के माध्यम से एक्सरसाइज करते हैं. ऐसे लोगों को खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. अधिक इम्यूनिटी एवं प्रोटीन भी हृदय की नसों को ब्लॉकेज करने का काम करती है.

कैसे करें बचाव?

साइलेंट हार्ट अटैक का बचाव बताते हुए चिकित्सक ने कहा सीमित व्यायाम एवं संतुलित आहार पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. अधिक व्यायाम एवं चिकनाई युक्त आहार लेने से हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है.

साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण

साइलेंट हार्ट अटैक आने पर गैस बनना, सांस फूलना, सीने के लेफ्ट साइड में दर्द होना प्रमुख लक्षण है. चिकित्सक ने कहा अगर ऐसी हालत किसी भी व्यक्ति को बनते हैं तो तुरंत विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श लें. कोताही बरतना घातक बन सकता है. जयपुर SMS अस्पताल के मशहूर चिकित्सक डॉक्टर रामकेश परमार ने कहा साइलेंट हार्ट अटैक को रोकने के लिए खान-पान के साथ तनाव एवं मानसिक अवसाद पर भी लोगों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है. एक्सरसाइज एवं व्यायाम की दिनचर्या को लाइफ में निर्धारित करें. अधिक चिकनाई वाले पदार्थ का सेवन नहीं करें, फल एवं हरी सब्जियों का खान-पान में अधिक उपयोग करें.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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