
गोवा की प्रमोद सावंत सरकार पर बिना टेंडर के 304 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट की बंदरबांट का आरोप लगा है. इस आरोप को लेकर बीते दिनों विधानसभा में जमकर हंगामा भी हुआ. दरअसल मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पर विपक्षी दलों ने बिना टेंडर के 304 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स की बंदरबांट का आरोप लगाया है, जिससे गोवा की राजनीति में नया सियासी तूफान खड़ा हो गया है.
कांग्रेस ने पिछले सप्ताह यह मुद्दा उठाते हुए घोटाले का आरोप लगाया था. इसके बाद गोवा विधानसभा में इस मुद्दे को गोवा फॉरवर्ड पार्टी (GFP) के अध्यक्ष और फातोर्डा विधायक विजय सरदेसाई ने भी जोरशोर से उठाया, जिसके बाद हंगामा हो गया.
क्या यही है मुख्यमंत्री का गुड गवर्नेंस'
गोवा फॉरवर्ड पार्टी (GFP) के अध्यक्ष विजय सरदेसाई ने सदन में कहा,'क्या यही मुख्यमंत्री का गुड गवर्नेंस है? कैबिनेट ने 76 कार्यों को 304.24 करोड़ रुपये की लागत के प्रोजेक्ट्स को बिना टेंडर के ही पोस्ट-फैक्टो तरीके से मंजूरी दे दी है. यह CVC के उस स्पष्ट नियम के खिलाफ है, जिसमें कहा गया है कि 10,000 रुपये से अधिक के किसी भी कार्य के लिए टेंडर प्रक्रिया अनिवार्य है.'
कांग्रेस ने भी सावंत सरकार को घेरा
विजय सरदेसाई ने ये आरोप लगाकर कांग्रेस के पिछले सप्ताह के उस बयान की पुष्टि की है, जिसमें कांग्रेस ने सावंत सरकार पर चुनिंदा ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया था. विपक्ष द्वारा पेश किए गए दस्तावेजों के अनुसार, 76 परियोजनाएं विभिन्न विभागों से संबंधित हैं, जिन्हें बिना तकनीकी मूल्यांकन और पारदर्शिता के सीधे नामांकन के आधार पर आवंटित किया गया. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने पिछले सप्ताह इस 304 करोड़ रुपये के कथित 'बिडिंग स्कैम' की स्वतंत्र जांच की मांग की थी.