Uttarakhand Tunnel Accident: 12 नवंबर को उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिलक्यारा टनल के एंट्री पॉइंट से 200 मीटर अंदर 60 मीटर तक मिट्टी धंसी, जिससे टनल का एक हिस्सा धंस गया. इस हादसे में 41 मजदूर टनल के अंदर फंस गए. सभी मजदूर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के हैं. चारधाम रोड प्रोजेक्ट के तहत ये टनल बनाई जा रही है.
बचाव अभियान में आ रही कई कठिनाई
शुरुआती दौर में बचाव अभियान में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. मलबे में सरिया आने से ड्रिलिंग का काम बाधित हो रहा था. इसके अलावा, टनल के अंदर ऑक्सीजन की कमी भी एक बड़ी समस्या थी. हालांकि, बचाव दल के अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप, मजदूरों तक पहुंचने के लिए सुरंग के अंदर 45 मीटर का रास्ता साफ किया गया. 23 नवंबर को, मजदूरों तक पहुंचने के लिए बाकी 18 मीटर की खुदाई शुरू की गई.
मशीन में आई खराबी
24 नवंबर को, ड्रिलिंग के दौरान अमेरिकन ऑगर मशीन में खराबी आ गई. इससे ड्रिलिंग का काम रोकना पड़ा. मशीन को रिपेयर किया जा रहा है. अभी 16.2 मीटर ड्रिलिंग बाकी है. अधिकारियों के मुताबिक, 41 मजदूरों को आज दोपहर तक निकाल लिए जाने की उम्मीद है.
सिलक्यारा टनल हादसे के कारण
सिलक्यारा टनल हादसे के कारणों की अभी भी जांच की जा रही है. विशेषज्ञों के अनुमान के मुताबिक यह पता चला है कि हादसा मलबे की खराब गुणवत्ता के कारण हुआ हो सकता है. इसके अलावा, मौसम की स्थिति भी हादसे का कारण हो सकती है.
सिलक्यारा टनल हादसा एक गंभीर घटना
सिलक्यारा टनल हादसा एक गंभीर घटना है. इस घटना से देश भर में सुरंग निर्माण की सुरक्षा पर सवाल उठे हैं. इस घटना के बाद, केंद्र सरकार ने सुरंग निर्माण के मानकों की समीक्षा करने का फैसला किया है.
ये भी पढ़े- जोधपुरः अपने मोहल्ले में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए भावुक हुए CM गहलोत, बोले,- 'आखिरी दम तक...'