
Asim Arun News: मोदी सरकार ने देश में वीआईपी कल्चर खत्म करने की दिशा में 2017 में बड़ा कदम उठाया था. इसके लिए मंत्रियों व अधिकारियों की गाड़ियों पर लाल या नीली बत्ती के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई थी. इसके बाद से मंत्री और अधिकारियों के गाड़ियों पर किसी प्रकार की बत्ती का इस्तेमाल नहीं होता है. अब एक ऐसा मामला सामने आया है, जो वीआईपी के नाम पर रोब जमाने वालों को आईना दिखाने से कम नहीं है. एक मंत्री ने जब अपने काफिले के लिए मिली गाड़ी पर नीली बत्ती देखा तो उन्होंने खुद उस गाड़ी का चालान काटने को कह दिया. इसके लिए मंत्री ने बाकायदा पुलिस कमिश्नर को चिट्टी भी लिख दी.
राजनीति में आने से पहले रहे IPS अफसर
दरअसल, गाड़ी में नीली बत्ती लगाने पर चालान करने की चिट्टी यूपी के मंत्री असीम अरूण ने लिखी है. असीम अरूण खुद एक आईपीएस अधिकारी रहे और उनके पिता यूपी के डीजीपी रह चुके हैं. अभी वे यूपी की योगी सरकार में समाज कल्याण मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं.
नीली बत्ती लगी गाड़ी लेने से इनकार
सोमवार को वे वाराणसी के दौरे पर थे. इस दौरान उन्हें प्रोटोकॉल के तहत एक इनोवा गाड़ी दी गई. जिस पर अनधिकृत नीली बत्ती लगी हुई थी. इसे देकर यूपी के मंत्री असीम अरूण ने वाराणसी प्रशासन से मिली सरकारी गाड़ी को लेने से इनकार कर दिया.

चालान काटने के लिए पुलिस कमिश्नर को लिखी चिट्ठी
वह सिर्फ गाड़ी लौटाने तक ही नहीं रुके. जिस इनोवा गाड़ी पर नीली लाइट लगी हुई थी, उसका चालान तक करने को कह दिया. गाड़ी वापस करने से पहले मंत्री असीम अरूण ने वाराणसी के पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल को एक चिट्ठी भी लिखी और उसके साथ गाड़ी की एक फोटो भी भेज दी. पुलिस कमिश्नर को चिट्ठी लिख कर असीम अरूण ने गाड़ी का चालान करने के लिए कहा.
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