
Yuzvendra Chahal: भारतीय क्रिकेट टीम के स्पिनर युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा का संबंध अब औपचारिक रूप से ख़त्म हो गया है. उनके तलाक को कोर्ट से मंजूरी मिल गई है. गुरुवार (20 मार्च) को मुंबई की एक फैमिली कोर्ट ने उनकी याचिका को स्वीकार करते हुए तलाक का आदेश दे दिया. चहल के वकील नितिन कुमार गुप्ता ने कोर्ट के बाहर पत्रकारों से इस बात की पुष्टि की. नितिन गुप्ता ने कहा, "कोर्ट ने दोनों पक्षों की संयुक्त याचिका स्वीकार कर ली है. अब दोनों पक्ष पति-पत्नी नहीं हैं." बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को फैमिली कोर्ट से अनुरोध किया था कि वह तलाक की याचिका पर गुरुवार तक फैसला सुना दे, क्योंकि चहल इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में खेलने की वजह से बाद में उपलब्ध नहीं हो पाएंगे. चहल आईपीएल में पंजाब किंग्स (Punjab Kings) की टीम से खेलेंगे.
युजवेंद्र चहल और धनश्री वर्मा की शादी दिसंबर 2020 में हुई थी. उन्होंने अपनी याचिका में बताया है कि वो दोनों शादी के डेढ़ वर्ष बाद, जून 2022 में अलग हो गए. इस वर्ष 5 फरवरी को उन्होंने फैमिली कोर्ट में तलाक के लिए संयुक्त याचिका दायर की थी. उनके अनुरोध पर हाई कोर्ट ने बुधवार को तलाक के लिए ज़रूरी छह महीने के कूलिंग पीरियड की शर्त से छूट दे दी.

कूलिंग ऑफ पीरियड में मांगी थी छूट
हिंदू विवाह अधिनियम के तहत तलाक की याचिका दायर करने के बाद प्रत्येक पति-पत्नी के लिए छह महीने का कूलिंग ऑफ पीरियड पूरा करना आवश्यक होता है. इसका उद्देश्य सुलह की संभावना तलाशने के लिए समय प्रदान करना है. लेकिन, फैमिली कोर्ट ने कूलिंग ऑफ पीरियड में छूट देने से इनकार कर दिया था. इसके बाद युजवेंद्र और धनश्री ने हाई कोर्ट में अपील की थी.
फैमिली कोर्ट ने कूलिंग ऑफ अवधि को माफ करने से इनकार करने का आधार बताते हुए कहा था कि दोनों पक्षों के बीच सहमति की शर्तों का पूरा अनुपालन नहीं हुआ था. इसके तहत चहल को धनश्री को 4.75 करोड़ रुपये का भुगतान करना था, लेकिन उन्होंने 2.37 करोड़ रुपए का ही भुगतान किया था. लेकिन, हाईकोर्ट ने बुधवार को माना कि सहमति की शर्तों का अनुपालन किया गया था, क्योंकि इसमें गुजारा भत्ते की दूसरी किस्त का भुगतान तलाक का आदेश प्राप्त होने के बाद ही किए जाने का प्रावधान था.