राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चुनावी साल में महिलाओं को इंदिरा गांधी डिजिटल मोबाइल स्कीम के तहत मोबाइल फोन देने जा रहे हैं. सीएम गहलोत कल बिड़ला सभागार में ‘इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना' का शुभारम्भ करेंगे. प्रदेश की 40 लाख महिलाओं को पहले चरण में स्मार्ट फोन दिए जाएंगे. ये स्मार्ट फोन 3 साल की इंटरनेट सेवा के साथ आएंगे. इंदिरा गांधी डिजिटल मोबाइल स्कीम के तहत लाभार्थियों को स्मार्टफोन व सिम के लिए 6800 रुपए डीबीटी के माध्यम से ई-वॉलेट में जमा किए जाएंगे. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ‘डिजिटल सखी बुक' लॉन्च करने के बाद प्रदेशभर के लाभार्थियों से वीसी के जरिए सीधा संवाद करेंगे. प्रदेश में इंदिरा गांधी डिजिटल मोबाइल फोन स्कीम के प्रदेश में लगभग 400 कैंप लगाए जाएंगे. इस स्कीम के तहत प्रदेश की लगभग 1.35 करोड़ परिवारों की महिला मुखिया को मुफ्त में स्मार्टफोन दिया जाएगा.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कल यानी 10 अगस्त को इंदिरा गांधी डिजिटल मोबाइल फोन स्कीम की शुरूआत करेंगे. इस स्कीम के पहले चरण में प्रदेश की लगभग 40 लाख परिवार की महिला मुखिया को 3 साल तक की इन्टरनेट सेवा के साथ स्मार्ट फोन वितरित किए जाएंगे. स्मार्टफोन के लिए होगे ये दस्तावेज जरूरी इंदिरा गांधी स्मार्टफोन योजना के लाभार्थी को अपना जनाधार कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड और जनाधार कार्ड में जो मोबाइल नंबर लिंक है वो फोन साथ लाना जरूरी है. इसके अलावा छात्राओं को अपने साथ आईडी कार्ड या एनरोलमेंट कार्ड लाना होगा। वहीं विधवा महिलाओं को फ्री स्माटफोन लेने के लिए पीपीओ साथ लाना अनिवार्य है. प्रथम चरण में इन्हें मिलेंगे स्मार्टफन- सरकारी विद्यालयों में 9वीं से 12वीं कक्षा में अध्ययनरत छात्राएं
- उच्च शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत छात्राएं
- विधवा/एकल नारी पेंशन प्राप्त कर रही महिलाएं
- वर्ष 2022-23 में महात्मा गांधी नरेगा योजना में 100 कार्य दिवस पूर्ण करने वाले परिवारों की महिला मुखिया
- वर्ष 2022-23 में इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना में 50 कार्य दिवस पूर्ण करने वाले परिवारों की महिला मुखिया
इंदिरा गांधी स्मार्ट फोन योजना के तहत फ्री मोबाइल का वितरण 10 अगस्त से किया जा रहा है. इसके लिए पात्र महिलाओं को मैसेज के द्वारा सूचित किया जा रहा हैं. यदि कोई लाभार्थी महिला इस योजना की पात्रता रखता है और इसके बावजूद उसे अभी तक इस योजना का लाभ नहीं मिला है तो वह अपनी पात्रता की शिकायत राजस्थान संपर्क हेल्पलाइन 181 पर भी कर सकते हैं.