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Diwali 2024: राजस्थान में मां लक्ष्मी का प्राचीन मंदिर, चिट्ठी लिखकर मन्नत मांगते हैं भक्त, दिवाली पर उमड़ती है भारी भीड़

मंदिर में चिट्ठी लिखकर रखने की परंपरा एक दशक पुरानी है. शहर निवासी श्रीमाल समाज की विभा श्रीमाल ने राजस्थान प्रशासनिक सेवा की तीन बार परीक्षा दी. मगर वह दो से चार अंकों से पिछड़ गई.

Diwali 2024: राजस्थान में मां लक्ष्मी का प्राचीन मंदिर, चिट्ठी लिखकर मन्नत मांगते हैं भक्त, दिवाली पर उमड़ती है भारी भीड़

Rajasthan News: चाहे नल कनेक्शन जल्दी से हो जाए या सास बहू का झगड़ा खत्म हो जाए. ऐसी फरियाद लिए हमने अक्सर सरकारी विभागों और कोर्ट कचहरी में अर्जी लगाते हुए लोगों को देखा होगा. लेकिन बांसवाड़ा शहर में महालक्ष्मी का एक ऐसा मंदिर है, जहां भक्त इस तरह की फरियाद लेकर आते हैं, और उनकी यह फरियाद पूरी भी होती है. यह मंदिर करीब 482 साल पुराना है. इस बार भी दीपावली को लेकर मां महालक्ष्मी के इस मंदिर में पूजा-अर्चना की विशेष तैयारियां चल रही हैं. 

चिट्ठी लिखकर मांगते हैं मन्नत

दीपावली के दिन यहां भक्त उमड़ेंगे. बांसवाड़ा में महालक्ष्मी का प्राचीन मंदिर मां महालक्ष्मी के इस मंदिर की खासियत ये है कि यहां भक्त अपनी मुराद चिट्ठी में लिखकर मां को अर्पित करते हैं. भक्तों की मान्यता है कि मां महालक्ष्मी चिट्ठी में लिखी हर मुराद पूरी करती हैं. श्रीमाल समाज के सचिव निखिलेश श्रीमाल का कहना है कि यहां पूरे साल भक्त चिट्ठी लिखकर मां को अर्पित करते हैं. इन चिट्ठियों को समय-समय पर खोला जाता है. दो-तीन साल बाद इन चिट्ठियों को पवित्र जल में प्रवाहित कर दिया जाता है.

Lakshmi Narayan Mandir Banswara

Photo Credit: NDTV Reporter

100 साल से चल रही परंपरा

मंदिर में चिट्ठी लिखकर रखने की परंपरा एक दशक पुरानी है. शहर निवासी श्रीमाल समाज की विभा श्रीमाल ने राजस्थान प्रशासनिक सेवा की तीन बार परीक्षा दी. मगर वह दो से चार अंकों से पिछड़ गई. इस पर उसने वर्ष 2002 में आराध्या देवी मां लक्ष्मी से परीक्षा में चयन के लिए चिट्ठी लिखकर अर्पित की. उसी साल उसका चयन हो गया. जैसे ही इसकी जानकारी अन्य भक्तों तक पहुंची, तभी से लोग मां को अपनी कामना लिखते हैं.

संगमरमर की साढ़े तीन फीट ऊंची प्रतिमा

करीब 482 साल पुराने इस मंदिर में माता महालक्ष्मी की साढ़े तीन फीट ऊंची प्रतिमा है, जो सफेद संगमरमर से बनी है. मां लक्ष्मी 16 पर्ण के कमल के आसन पर विराजित हैं. मां लक्ष्मी के उपासक कहते हैं कि बैठी अवस्था में लक्ष्मी की पूजा करने से मातारानी सदैव घर में विराजित रहती हैं. ऐसी प्रतिमा मध्यप्रदेश, गुजरात, मेवाड़ में नहीं होने से यहां बड़ी संख्या में भक्त अपनी कामना लिए आते हैं. दीपावली पर महालक्ष्मी की प्रतिमा का सोने-चांदी के आभूषणों से श्रृंगार किया जाता है.

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