
Jaisalmer unique wedding invitation : राजस्थान देश का ऐसा राज्य है जहां का हर कोना संस्कृति की चमक से भरा हुआ है. यहां की हर गली में कोई न कोई न कोई अनोखी और अनूठी परंपराए आपका स्वागत करती हुई अक्सर मिल जाती है. राजा-महाराजाओं की इस धरती पर वीरता की कई कहानियां जन्मी हैं. इसी धरती पर एक ऐसा जिला है जिसकी अजीबोगरीब परंपराएं लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं. ये जिला मरुधरा की स्वर्ण नगरी जैसलमेर (Jaisalmer) के नाम से जाना जाता है. यहां की दीवारें एक अनोखी परंपरा के कारण इस समय चर्चा का विषय बनी हुई हैं.
घर के बाहर छापे जाते है शादी के कार्ड
जैसलमेर का इलाका थार रेगिस्तान में बसा है. यहां दूर-दूर तक ऊंचे स्थायी और अस्थाई रेत के टीले फैले हुए हैं, जो हवा और आंधियों के साथ अपना स्थान बदलते रहते हैं. अप्रैल से लेकर जुलाई की तेज धूप में ये टीले चमक उठते हैं. जिसकी आभा से यह जिला चमक उठता है, इसीलिए इसे 'स्वर्ण नगरी' ( Golden city of Rajasthan) कहा जाता है. इस जिले में लंबे समय से शादी के कार्ड ( Marriage Card) न छपवाने की अनोखी परंपरा रही है, हालांकि अब नए जमाने में इसका चलन थोड़ा कम हो रहा है.

घर के बाहर छपा शादी का निमंत्रण
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घर के बाहर की दीवार पर छापते है शादी का निमंत्रण
जैसलमेर की दीवार पर शादी के कार्ड छपवाने की इस अनूठी परंपरा की हर जगह तारीफ हो रही है. इस कला में शादी वाले घर की बाहरी दीवार पर शादी से जुड़ी जानकारी खूबसूरत कलाकृति के जरिए बताते हैं, जिसमें शादी के दिन की जानकारी, दूल्हा-दुल्हन का नाम, जगह का नाम खूबसूरत पेंटिंग के जरिए बताया जाता है. इस पेंटिंग में घर की दीवार पर गणेश जी की फोटो बनाई जाती है और शादी की पूरी जानकारी खूबसूरत कलाकृति के जरिए लिखी जाती है. जो भी उस कार्ड को देखता है, वो शादी में शामिल हो सकता है. तो अगली बार अगर आप जैसलमेर जाएं तो अनोखे शादी के कार्ड की इस अनोखी दीवार को देखना न भूलें, क्या पता आप भी किसी शादी का हिस्सा बन जाएं और राजस्थानी मेहमाननवाजी का लुत्फ उठा लें.

घर के बाहर शादी के कार्ड पर बने गणपति
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गणपति बप्पा स्वयं निमंत्रण आते है घर
इस अनूठी परंपरा के बारे में दुर्ग निवासी दिनेश व्यास बताते हैं कि यह परंपरा सालों से चली आ रही है, प्राचीन समय में प्रिंटिंग प्रेस नहीं थे, इसलिए शादी-ब्याह, यज्ञोपवीत आदि के लिए घर के मुख्य द्वार पर निमंत्रण पत्र बनाकर पीले चावल देकर निमंत्रण दिया जाता था. जैसलमेर में यह परंपरा आज भी जारी है. मान्यता है कि इस निमंत्रण पत्र के जरिए गणपति बप्पा खुद शादी में आते हैं और सभी विघ्नों को दूर करते हैं. ऐसी अनूठी परंपरा के जारी रहने की एक वजह यह भी है कि इसे शुभ माना जाता है.
तो अगली बार अगर आप जैसलमेर जाएं तो अनोखे शादी के कार्ड की इस अनोखी दीवार को देखना न भूलें, क्या पता आप भी किसी शादी का हिस्सा बन जाएं और राजस्थानी मेहमाननवाजी का लुत्फ उठा लें.
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