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एक पुलिस चौकी जिस पर पुलिस को ही लगाना पड़ा ताला, अपराधियों की मौज!

झालावाड़ जिले के एक गांव में दो साल पहले लोगों ने राहत की सांस ली थी जब वहां की एसपी ने खुद एक पुलिस चौकी का उद्घाटन किया था.

एक पुलिस चौकी जिस पर पुलिस को ही लगाना पड़ा ताला, अपराधियों की मौज!
Jhalawar police outpost

Jhalawar: ग्रामीण क्षेत्र से अक्सर आंगनबाड़ी केंद्र एवं स्कूलों पर ताले लटके होने की शिकायतें मिलती रहती हैं. लेकिन यही मामला अगर पुलिस चौकी का हो तो बात बहुत गंभीर हो जाती है. झालावाड़ जिले में एक ऐसी पुलिस चौकी है जिसको पुलिस ने खोल तो दिया लेकिन यहां हमेशा ताले लटके रहते हैं.यह चौकी एक संवेदनशील इलाके में है, ऐसे में यहां आए दिन असामाजिक तत्व उत्पात मचाते रहते हैं. 

झालावाड़ जिले के मनोहर थाना क्षेत्र के गुराड़ी गांव में करीब दो साल पहले एक पुलिस चौकी की स्थापना की गई थी, मगर खुलने के कुछ समय के बाद से ही अब यहां अधिकांश समय ताला लटका रहता है, जिससे ग्रामीणों को अपनी फरियाद लेकर 10 किलोमीटर दूर मनोहर थाना थाने आना पड़ता है, जबकि पुलिस चौकी ग्रामीणों को राहत देने के लिए खोली गई थी.

मनोहर थाना से गुराड़ी गांव की दूरी करीब 10 से 12 किलोमीटर दूर  है एवं आसपास भी इस गांव से गांव लगे हुए हैं. बड़ी संख्या में यहां से वाहनों की भी आवाजाही होती है. क्षेत्र में कई बार आपराधिक घटनाएं घटित होने पर ग्रामीणों को मनोहर थाना आना पड़ता है.

वर्षों की मांग के बाद खुली चौकी, मगर अब लटका ताला

ग्रामीण वर्षों से गांव में पुलिस चौकी खोलने की मांग कर रहे थे. गांव में पुलिस चौकी खुलवाने के लिए ग्रामीणों ने प्रशासनिक स्तर से लेकर के जनप्रतिनिधियों तक सभी को अवगत करवाया था, जिसके बाद वर्षों से लंबित ग्रामीणों की मांग को पूरी करते हुए करीब दो वर्ष पूर्व यहां पर पुलिस चौकी खोली गई थी. तत्कालीन एसपी ऋचा तोमर ने इसका उद्घाटन किया था. मगर पुलिस चौकी की स्थापना के कुछ दिन बाद ही से बाद ही यहां पर ताला लटका रहने लगे. 

आसपास के जो भी ग्रामीण फरियाद लेकर यहां पहुंचते हैं पुलिस चौकी पर ताला लटका हुआ देखकर मजबूरन उन्हें मनोहर थाना थाने में आना पड़ता है. ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस चौकी स्थापित होने के करीब एक से दो माह माह बाद तक दिन के समय पुलिस के जवान यहां बैठते थे, कुछ  दिनों बाद महीने में कभी कभी खुलने लगी ‌लेकिन अब तो काफी लंबे अरसे से यह बंद ही है. हमेशा यहां ताला लटका रहता है. दुकानदारों एवं ग्रामीणों ने बताया कि अब अधिकांश समय पुलिस चौकी बंद रहने से आए दिन शराबी शराब पीकर उत्पात मचाते हैं. पहले पुलिस चौकी खुलने के बाद थोड़ा डर था जो अब खत्म हो गया ‌

दिन में ही होने लगी चोरियां
ग्रामीणों ने बताया कि अब फिर से किसी भी छोटी-मोटी घटना के होने पर ग्रामीणों को मनोहर थाना जाने की मजबूरी हो गई है ग्रामीणों ने बताया कि पिछले दो महीने में गांव में स्थित एक भंडारे में से दो बार चोरी हो गई. एक बार तो दिन में ही दो से तीन पुरुष एवं उनके साथ महिलाओं को भंडारा में से सामान की चोरी करते हुए पकड़ा था, और मनोहर थाना पुलिस को भी सौंपा था. ग्रामीणों का कहना है कि इस पुलिस चौकी को वापस खोला जाना चाहिए जिससे उन्हें राहत मिल सके.

पुलिस ने बताया क्यों बंद है थाना
पुलिस ने इस चौकी को खोल तो दिया लेकिन इसके लिए पर्याप्त स्टाफ की व्यवस्था नहीं कर पाई. थाना प्रभारी अमरनाथ जोगी ने बताया कि उनके थाने में स्टाफ की कमी है, ऐसे में चौकी पर लगाने के लिए उनके पास पुलिसकर्मी नहीं है, जिसके कारण यह चौकी बंद रहती है. थाना प्रभारी ने बताया कि यह चौकी एक यात्री प्रतीक्षालय में बनाई गई है जहां मूलभूत सुविधाएं नहीं होने से चौकी में स्टाफ को रहने में परेशानी होती है.

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