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Vande Bharat Train: 180 KM की हाई स्पीड से दौड़ी वंदेभारत, गिलास से नहीं गिरी पानी की एक बूंद; Watch video

Vande Bharat Train video: भारतीय रेलवे ने नई वंदे भारत स्लीपर कोच ट्रेन की टेस्टिंग राजस्थान के कोटा में की है. यहां पर उसे अलग-अलग हाई स्पीड पर अलग अलग तरीके रेलवे ट्रैक पर दौड़ाकर ट्रायल किया गया.

Vande Bharat Train: 180 KM की  हाई स्पीड से दौड़ी वंदेभारत, गिलास से नहीं गिरी पानी की एक बूंद; Watch video
vande Bharat Train

Vande Bharat Train Video: रेलवे नए साल में देश में यात्रियों के लिए तेज और सुरक्षित रेल यात्रा लाने के लिए तैयार है. छोटी और मध्यम दूरी की चेयर कार ट्रेनों में सफर करने वाले लोगों को तेज, सुरक्षित और विश्वस्तरीय यात्रा का अनुभव देने के बाद भारतीय रेलवे ( Indian Railway) लंबी दूरी की ट्रेनों के लिए भी इसे हकीकत बना रहा है. इसके लिए वह लगातार ट्रायल कर रहा है. इसी कड़ी में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Aswini Vaishnav) ने शुक्रवार को वंदे भारत (Vande Bharat) का एक वीडियो जारी किया है जिसमें उन्होंने बताया कि 180 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज रफ्तार से वंदे भारत चलाने के बाद भी ट्रेन के कोच में मोबाइल के पास रखे गिलास में पानी की एक बूंद भी नहीं गिरी.

राजस्थान में 180 KM की स्पीड से दौड़ी वंदे भारत 

राजस्थान में 40 किलोमीटर लंबे रूट पर पिछले तीन दिनों से वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के कई परीक्षण किए जा रहे हैं. इसमें कल यानी शुक्रवार को 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति हासिल करने में सफलता मिली. फिलहाल यह परीक्षण इसी महीने यानी जनवरी के अंत कर किया जाएगा. "इसके बाद यह ट्रेन देशभर के रेल यात्रियों को विश्व स्तरीय लंबी दूरी की यात्रा की सुविधा देने के लिए उपलब्ध कराई जाएगी."

रेल मंत्री ने जारी किया वीडियो

रेल मंत्रालय की ओर से जारी प्रेस रिलीज में बताया गया कि शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव की ओर से 'एक्स' पर एक वीडियो जारी किया गया है. जिसमें दिखाया गया है कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के अंदर सीट से जुड़ी फूड ट्रे पर मोबाइल फोन के बगल में पानी से भरा गिलास रखा हुआ है. ट्रेन अधिकतम 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से रेलवे ट्रैक पर दौड़ रही है. इतनी स्पीड में होने के बावजूद ट्रेन में रखे पानी से भरे गिलास से पानी की एक भी बूंद नहीं गिरी. जिससे समझा जा सकता है कि आने वाले समय में हाई स्पीड रेल का सफर कितना आरामदायक होगा.

मंत्रालय ने आगे जानकारी देते हुए कहा, “दो जनवरी को संपन्न तीन दिन के सफल परीक्षणों के बाद यह वीडियो जारी किया गया, जिसमें वंदे भारत स्लीपर ट्रेन भरी अवस्था में अधिकतम रफ्तार अख्तियार करते दिखाई दी.” उसने बताया कि दो जनवरी को राजस्थान के बूंदी जिले में कोटा और लाबान के बीच 30 किलोमीटर लंबी यात्रा के दौरान ट्रेन 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति हासिल करने में कामयाब रही.

परीक्षण जनवरी के अंत तक रहेंगे जारी

मंत्रालय के मुताबिक, “एक दिन पूर्व यानी साल 2025 के पहले दिन, रोहलखुर्द से कोटा तक 40 किलोमीटर लंबी परीक्षण यात्रा के दौरान भी वंदे भारत स्लीपर ट्रेन ने 180 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार हासिल की थी.” उसने बताया, “उसी दिन कोटा-नागदा और रोहलखुर्द-चाउ महला खंड पर ट्रेन 170 किलोमीटर प्रति घंटे और 160 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से दौड़ी. आरडीएसओ, लखनऊ की देखरेख में ये परीक्षण जनवरी के अंत तक जारी रहेंगे.”

मंत्रालय ने लगातार हो रहे इन परीक्षणों पर कहा कि टेस्ट पूरे होने के बाद रेलवे सुरक्षा आयुक्त अधिकतम गति पर दौड़ने के बाद ट्रेन की क्षमता का मूल्यांकन करेंगे. जिससे हर पहलू पर जांच परख कर ही  ट्रेन को आधिकारिक तौर पर  आम यात्रियों की सफर कराने की मंजूरी दी जाएगी .

विमान जैसा रखा है वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का डिजाइन

रेल मंत्रालय ने बताया कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का डिजाइन विमान जैसा रखा गया है और यह स्वचालित दरवाजों, बेहद आरामदायक बर्थ और वाईफाई जैसी सुविधाओं से लैस होगी. उसने कहा, “इन सफल परीक्षणों के बाद रेल यात्री कश्मीर से कन्याकुमारी, दिल्ली से मुंबई, हावड़ा से चेन्नई सहित लंबी दूरी के अन्य मार्गों पर विश्व-स्तरीय यात्रा अनुभव की उम्मीद कर सकते हैं.”

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