Fire Dance Viral video: राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत इतनी समृद्ध है कि हर साल देश-विदेश से लाखों पर्यटक इसे देखने और अनुभव करने के लिए यहां आते हैं. राज्य में शायद ही कोई ऐसा महीना हो जिसमें कोई न कोई धार्मिक उत्सव न मनाया जाता हो. होली पर रंगों की बौछार से लेकर नवरात्रि में डांडिया रास तक, यहां हर चीज भव्य और विशाल तरीके से की जाती है. ऐसे ही एक उत्सव की रौनक इन दिनों बीकानेर के कतरियासर गांव में देखने को मिल रही है, जहां पांच दिवसीय आसोज मेला मनाया जा रहा है, जिसे जसनाथी संप्रदाय के जरिए मनाया जाता है.
"जसनाथी सम्प्रदाय" का पांच दिवसीय अासोज मेला कतरियासर मे 5 से 9 अक्टूबर 2024...!!
— Vinod Bhojak (@VinoBhojak) October 7, 2024
बीकानेर जिले के कतरियासर गांव मे आसोज़ मेले मे 'जसनाथी सम्प्रदाय' का प्रसिद्ध नृत्य रतजगे (जागरण) में धधकते अंगारों पर जसनाथी सिद्धों द्वारा किया जाता है #Firedance की इस अनोखी परम्परा को देखने हर… pic.twitter.com/ZWHo4rxm02
रेतीली जमीन पर जलते अंगारों पर डांस
इस संप्रदाय के 'जसनाथी सिद्धों' का नंगे पैर रेतीली जमीन पर जलते अंगारों पर नृत्य करते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसे विनोद भोजक नाम के यूजर ने ट्विटर पर पोस्ट किया है. जिसमें उन्होंने बताया है कि यह नृत्य आसोज मेले में 'जसनाथी संप्रदाय' का प्रसिद्ध नृत्य है, जिसे 'जसनाथी सिद्धों' द्वारा रात्रि जागरण के दौरान जलते अंगारों पर किया जाता है. इस अनूठी परंपरा को देखने के लिए हर साल हजारों श्रद्धालु यहां आते हैं.
कौन है 'जसनाथी संप्रदाय' के लोग
जसनाथी संप्रदाय एक निर्गुण संप्रदाय है जिसकी उत्पत्ति 15वीं शताब्दी में गुरु जसनाथजी (1539-1563) के आधार पर बीकानेर में हुई थी. इसके अधिकांश लोग जाट जाति से हैं. जिन्हें जसनाथी संप्रदाय के लोग कहते है. इन्हीं के जरिए अग्नि नृत्य किया जाता है. यह राजस्थान के जोधपुर, बीकानेर संभाग में मौजूद है.इस संप्रदाय में छत्तीस नियमों का पालन करना आवश्यक माना जाता है.वे कतरियासर में रहते हैं जो बीकानेर में आता है.
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