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JEE Main 2025 Result: जेईई- मेन में 14.75 में से 14 लाख छात्रों के 50% अंक भी नहीं, सिर्फ परसेंटाइल बताना उचित नहीं

Dev Sharma
  • विचार,
  • Updated:
    अप्रैल 19, 2025 13:14 pm IST
    • Published On अप्रैल 19, 2025 13:08 pm IST
    • Last Updated On अप्रैल 19, 2025 13:14 pm IST
JEE Main 2025 Result: जेईई- मेन में 14.75 में से 14 लाख छात्रों के 50% अंक भी नहीं, सिर्फ परसेंटाइल बताना उचित नहीं

NTA JEE Main Session 2 Results: जेईई-मेन, 2025 प्रवेश-परीक्षा में सम्मिलित होने वाले 14.75-लाख विद्यार्थियों में से लगभग 14-लाख विद्यार्थी 50% भी अंक प्राप्त नहीं कर पाए हैं. अर्थात इन विद्यार्थियों को 300-अंकों के प्रश्न पत्र में 150-अंक भी प्राप्त नहीं हुए. उपरोक्त निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए कई आंकड़े स्वयं ही जुटाने पड़े जिसके लिए बड़ी मशक्कत करनी पड़ी. इसकी वजह ये है कि एनटीए-नई दिल्ली द्वारा जारी किए गए परीक्षा परिणाम में सिर्फ और सिर्फ परसेंटाइल एवं ऑल इंडिया रैंक ही दी गई होती है,विद्यार्थी द्वारा अर्जित अंक नहीं दिए गए होते. इस कारण परीक्षा-परिणाम से परसेंटाइल तथा विद्यार्थी की ऑफिशियल रेकॉर्डेड रिस्पांस शीट (OMR Sheet) से अर्जित अंकों के आंकड़े जुटाकर विश्लेषण करना होता है. 

हाल ही में जारी किए गए जेईई-मेन, 2025 के परीक्षा परिणाम के आंकड़ों का विश्लेषण करने पर ज्ञात होता है कि 97.4160743-परसेंटाईल पर एक विद्यार्थी को ऑल इंडिया रैंक-39404 प्राप्त होती है.और ओएमआर शीट से गणना करने पर ज्ञात होता है कि इस विद्यार्थी द्वारा 300-में से 152-अंक अर्जित किए गए हैं.  

लगभग 75-हजार विद्यार्थी ही ऐसे हैं जिनके अंक 300 में से 150 से अधिक अंक आए हैं.

इस प्रकार कई सारे आंकड़ों का अध्ययन करने पर मोटे तौर पर स्पष्ट होता है कि 14.75-लाख विद्यार्थियों में से लगभग 75-हजार विद्यार्थी ही ऐसे हैं जिनके अंक 300-में से 150-से अधिक हैं. अन्य 14-लाख विद्यार्थी 300-में से 150-अंक भी अर्जित नहीं कर पाए हैं.

2024 के जनवरी सेशन में जेईई मेन में 100 परसेंटाइल हासिल करनेवाला एक छात्र (File)

2024 के जनवरी सेशन में जेईई मेन में 100 परसेंटाइल हासिल करनेवाला एक छात्र (File)
Photo Credit: ANI

परसेंटाइल जारी करने के पीछे कारण

प्राथमिक तौर पर यह आंकड़ा उत्साहवर्धक नहीं लगता. लगता है कि विद्यार्थियों की विषय वस्तु पर पकड़ कमजोर है. किंतु इस आंकड़े का एक बड़ा सकारात्मक पहलू भी है. यह कई विद्यार्थियों एवं अभिभावकों को उत्साहित करता है. उन्हें लगता है कि 50%-अंक और टॉप 50-हजार में स्थान - यह तो हासिल किया ही जा सकता है. अति प्रतिष्ठित जेईई-एडवांस्ड प्रवेश परीक्षा की परीक्षा-परिणाम जारी करने की प्रणाली इसी सकारात्मक पहलू पर आधारित है.

जेईई-एडवांस्ड (JEE Advanced) के परीक्षा-परिणाम में विद्यार्थी की आल इंडिया रैंक के साथ ही प्रत्येक विषय के अंक तथा कुल अर्जित अंक भी जारी किए जाते हैं. इससे विद्यार्थी एवं अभिभावकों को आधिकारिक तौर पर यह जानकारी प्राप्त हो जाती है कि इंजीनियरिंग प्रवेश-परीक्षा में सफल होने का एक अलग ही गणित है. यहां सफल होने के लिए अधिक अंकों  की आवश्यकता नहीं होती. अतः अधिक अंकों प्राप्त करने का दबाव एवं तनाव महसूस करना व्यर्थ है.

परीक्षा परिणाम में परसेंटाइल तथा विद्यार्थी द्वारा अर्जित अंकों की सामूहिक आधिकारिक जानकारी विद्यार्थी के शैक्षणिक स्तर को नापने का बेहतरीन पैमाना है.

इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा में प्राप्त की गई परसेंटाइल तथा अंकों का तालमेल समझ आने पर विद्यार्थी का आत्मविश्वास बढ़ता है,अंकों के बोझ से मुक्ति मिलती है. इससे अभिभावकों में वर्ष-पर्यंत की पढ़ाई के दौरान विद्यार्थी द्वारा कम अंक अर्जित किए जाने से उत्पन्न होने वाला अनावश्यक तनाव भी समाप्त होता है. 

निश्चित तौर पर परीक्षा परिणाम में परसेंटाइल तथा विद्यार्थी द्वारा अर्जित अंकों की सामूहिक आधिकारिक जानकारी विद्यार्थी के शैक्षणिक स्तर को नापने का बेहतरीन पैमाना है. ऐसी स्थिति में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी-एनटीए,नई दिल्ली से अपेक्षा की जाती है कि एजेंसी परीक्षा परिणाम में परसेंटाइल तथा ऑल इंडिया रैंक के साथ विद्यार्थी द्वारा अर्जित किए गए अंको की भी आधिकारिक घोषणा करें.

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : इस आलेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं.

लेखक परिचयः देव शर्मा  कोटा  स्थित इलेक्ट्रिकल इंजीनियर और फ़िज़िक्स के शिक्षक हैं.  उन्होंने 90 के दशक के आरंभ में कोचिंग का चलन शुरू करने में अग्रणी भूमिका निभाई. वह शिक्षा संबंधी विषयों पर नियमित रूप से लिखते हैं.

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