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This Article is From Feb 02, 2025

डीडवाना की रीत बांगड़ का अनोखा हुनर, 3 इडियट्स के 'वायरस' की तरह एक साथ दोनों हाथों से है लिखती

Rajasthan: डीडवाना की रीत बांगड़ महज 12 साल की उम्र में दोनों हाथों से लिख सकती है. इसी हुनर ​​की बदौलत वह अपनी स्कूल परीक्षा तीन घंटे की बजाय डेढ़ घंटे में ही खत्म कर लेती है.

डीडवाना की रीत बांगड़ का अनोखा हुनर, 3 इडियट्स के 'वायरस' की तरह एक साथ दोनों हाथों से है लिखती
Reet Bangar, Didwana

Didwana: लिखना भी एक कला है. कई लोगों की लिखावट बहुत सुंदर होती है, तो कुछ को तेजी से लिखते की आदत होती हैं. समाज का लगभग हर व्यक्ति लिखने का काम करता है. इसमें कोई खास बात नहीं है, लेकिन जब कोई एक ही लिखावट दोनों हाथों से लिखे तो हैरानी ही नहीं बल्कि अद्भुत भी लगेगा.  डीडवाना का 12 साल की रीत बांगड़ एक हाथ से हिंदी और दूसरे हाथ से अंग्रेजी में लिख सकती है. उसकी इस प्रतिभा को देखकर हर कोई हैरान है.

डीडवाना की रीत बांगड़ दोनों हाथों से लिखने में माहिर

रीत बांगड़ डीडवाना की रहने वाली हैं, उसकी उम्र सिर्फ़ 12 साल है और वो 8वीं क्लास में पढ़ती हैं. जब से रीत स्कूल गई और पढ़ना-लिखना सीखा, तब से वो बाएं हाथ से लिखने लगी.इसके लिए कई बार उसकी दादी ने टोका और समझाया कि दाएं हाथ से लिखना चाहिए. दादी की सलाह मानकर रीत ने दाएं हाथ से लिखना शुरू किया, लेकिन जब वो लिखते-लिखते थक जाती तो बाएं हाथ से लिखना शुरू कर देती. इस तरह धीरे-धीरे वो दोनों हाथों से लिखने लगी और अब वो दोनों हाथों से एक साथ अलग-अलग नोटबुक में लिख सकती है.

तीन घंटे का पेपर डेढ़ घंटे में कर लेती है पूरा 

रीत की इस प्रतिभा के बारे में उनकी मां रोहिणी बांगड़ कहती हैं कि जैसे-जैसे रीत बड़ी होती गई, उसकी प्रतिभा निखरती गई. समय के साथ वह एक साथ दो अलग-अलग भाषाओं में लिखने लगी. उन्होंने आगे बताया कि रीत अपनी परीक्षाओं में एक साथ दोनों हाथों से पेपर लिखती है. इससे उसका समय बचता है और वह 3 घंटे का पेपर महज डेढ़ से दो घंटे में पूरा कर लेती है। रीत की मां एडवोकेट हैं.

 दोनों हाथों से ड्राइंग और पेंटिंग भी करती है एक साथ 

समय के साथ रीत की लिखावट दिन-प्रतिदिन निखरती गई और उसने अपने दिमाग को इस तरह से सेट किया कि अब वह एक साथ दो अलग-अलग भाषाओं में लिख सकती है. यानी वह एक नोटबुक में हिंदी का काम और दूसरी नोटबुक में अंग्रेजी का काम कर सकती है. इसके अलावा वह एक साथ दोनों हाथों से ड्राइंग और पेंटिंग भी कर सकती है. डीडवाना के पूजा इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ने वाली रीत बांगर से स्कूल प्रबंधन भी काफी प्रभावित है और दूसरे छात्र भी उससे प्रेरित होते हैं.

दोनों हाथों से लिखने वाले को कहते है उभयलिंगी

रीत बांगड़ की इस अनोखी प्रतिभा के बारे में कुचामन सिटी के सरकारी अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. सुरेन्द्र कुमार जिलोया ने बताया कि जो व्यक्ति दोनों हाथों से लिखता है, उसे उभयलिंगी  (Ambidextrous) कहते हैं. उभयलिंगी लोग दोनों हाथों को समान रुप से इस्तेमाल करने की क्षमता रखते हैं.

 1% लोग ही दोनों हाथों का कर पाते है इस्तेमाल 

उन्होंने बताया कि दुनिया में करीब 90-95% लोग दाएं हाथ से काम करते हैं, जबकि बाएं हाथ से काम करने वालों की संख्या करीब 5-10% है. रीत बांगड़ जैसे उभयलिंगी लोगों की संख्या और भी कम है, करीब 1% लोग ही दोनों हाथों का इस्तेमाल कर पाते हैं.

एक साथ दोनों हाथों से काम करने वालों को कहते क्रॉस-हैंडेड

मनोचिकित्सक डॉ. सुरेन्द्र कुमार ने बताया कि मनुष्य का मस्तिष्क दो भागों में बंटा होता है. दिमाग का बायां भाग दाएं भाग को नियंत्रित करता है और दायां भाग बाएं भाग को नियंत्रित करता है. इसके अनुसार लोग अपने बाएं और दाएं भाग से काम करते हैं, लेकिन 1 प्रतिशत लोग ऐसे भी होते हैं जो एक साथ दोनों हाथों से काम करते हैं, उन्हें क्रॉस-हैंडेड या एम्बिडेक्सट्रस कहा जाता है. उनके दोनों भाग एक साथ काम करने के लिए विकसित होते हैं और उनका एक साथ पूरे मस्तिष्क पर नियंत्रण होता है.

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