
राजस्थान के आबू रोड स्थित ब्रह्माकुमारी संस्थान में बुधवार को रक्षाबंधन का त्योहार पांरपरिक हर्षोल्लास से मनाया गया. इस मौके पर शांतिवन परिसर स्थित कॉन्फ्रेंस हाल में ''परमात्म रक्षासूत्र कार्यक्रम'' आयोजित किया गया. इसमें वरिष्ठ दीदी-दादियों ने भाईयों को राखी बांधकर मुँह मीठा कराया. मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी ने रक्षासूत्र बांधकर शुभकामनाएं दीं. महासचिव राजयोगी निर्वैर भाई ने कहा कि रक्षा बंधन का त्योहार भाई-बहन के स्नेह का त्योहार है. इससे हम एक-दूसरे के नजदीक आते हैं. आपस में स्नेह बढ़ता है. गिले-शिकवे दूर होते हैं. यह बंधन हमें याद दिलाता है कि भाई का बहन के प्रति और बहन का भाई के प्रति क्या दायित्व है. उन्होंने आगे बताया कि श्रीमद् भगवतगीता के अनुसार आत्मा अपना ही मित्र और शत्रु है इसीलिए हमे अच्छे कर्मों द्वारा अपने पुण्य का खाता जमा करना है.
राखी पर्व पवित्रता का प्रतीक है
संयुक्त मुख्य प्रशासिका बीके मुन्नी दीदी ने कहा कि राखी पर्व पवित्रता का प्रतीक है. परमात्मा शिव बाबा हमें इस धरा पर आकर संकल्प कराते हैं कि मेरे बच्चों एक जन्म तुम पवित्र रहो तो तुम्हें जन्मोंजन्म के लिए पवित्र दुनिया का मालिक बना दूंगा. ज्ञान सरोवर की निदेशिका व संयुक्त मुख्य प्रशासिका बीके डॉ. निर्मला दीदी ने कहा कि रक्षा बंधन का त्योहार हमें याद दिलाता है कि हमें पवित्र बन, योगी बन बाप समान बनना ही है. बाबा ने हम बच्चों को इस बंधन में बांधा. यह बंधन सबसे प्यारा है. विदेश में सबसे ज्यादा महत्व रक्षाबंधन का है.
यह सुखदायी बंधन है
वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके गीता दीदी ने कहा कि त्योहार पर ही ऐसा मौका आता है, जब पूरा परिवार मिलता है. इसी तरह आज हम सभी ईश्वरीय परिवार के भाई-बहनें रक्षाबंधन के मौके पर मिल रहे हैं. जब हमारे मन-वचन- कर्म शुद्ध बन जाते हैं तो हमसे किसी को कोई भय नहीं रहता है. विकारों के कारण लोगों में भय रहता है. रक्षा बंधन एक ऐसा पवित्रता का बंधन है. जिसके बंधन में बंधने के बाद हम पांच विकारों से मुक्त हो जाते हैं. यह सुखदायी बंधन है. यह पापनाश करने वाला बंधन है. भगवान हमें पवित्रता का बंधन बांधते हैं. परमात्मा हमें पवित्रता के बंधन में बंधने का संकल्प कराते हैं.
सभी वरिष्ठ भाई-बहनें रहीं शामिल
बाबा का बहुत-बहुत शुक्रिया जो हमें ऐसे श्रेष्ठ पवित्र बंधन में बांधा. वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके रुक्मिणी दीदी ने भी अपने विचार व्यक्त किए. संचालन बीके डॉ. सविता दीदी ने किया. इस मौके पर संस्थान के सभी वरिष्ठ भाई-बहनें सहित सभी शांतिवन निवासी भाई-बहनें मौजूद रहे.