विज्ञापन
Story ProgressBack

Rajasthan: 'पांडुन का कड़ा' गाने वाले दुनिया के इकलौते कलाकार गफरुद्दीन मेवाती जोगी को राष्ट्रपति करेंगी सम्मानित

गफरुद्दीन मेवाती जोगी ने सात साल की उम्र में अपने पिता बुद्ध सिंह जोगी के साथ पांडुन का कड़ा गाना शुरू किया था. गफरूद्दीन 60 वर्षों से अधिक समय से पांडुन का कड़ा प्रदर्शन कर रहे हैं और वर्तमान में जीवित एकमात्र व्यक्ति हैं जो पांडुन का कड़ा के सभी 2,500 और अधिक दोहे जानते हैं.

Read Time: 3 min
Rajasthan: 'पांडुन का कड़ा' गाने वाले दुनिया के इकलौते कलाकार गफरुद्दीन मेवाती जोगी को राष्ट्रपति करेंगी सम्मानित
गफरुद्दीन मेवाती जोगी.

Rajasthan News: गफरुद्दीन मेवाती जोगी अन्तरराष्ट्रीय लोक कलाकार/भपंग वादक कलाकार को अब संगीत नाटक अकादमी दिल्ली में राष्ट्रपति के द्वारा एक कार्यक्रम में सम्मानित किया जाएगा. डीग जिला मेवात के यह पहले ऐसे भपंग वादक कलाकार होंगे, जिनको राष्ट्रपति संगीत नाटक अकादमी फेलेसिप के द्वारा सम्मनित किया जाएगा.

कौन हैं गफरुद्दीन मेवाती जोगी? 

गफरुद्दीन मेवाती जोगी लोक कलाकार, भपंग वादक और पांडुन का कड़ा लोक गायक हैं. इनका जन्म डीग ज़िले के गांव कैथवाड़ा, पहाड़ी के मेवाती जोगी समुदाय में हुआ. इनके पिता बुद्ध सिंह जोगी सारंगी के वादक उस्ताद थे. जो लगभग 20 मेवाती लोक वाद्य जानते थे. उनके भपंग की तरह, गफरूद्दीन का संगीत भी सरल लगता है, उन्होंने विभिन्न देशों में कई सांस्कृतिक उत्सवों में प्रदर्शन किया है. मेवाती जोगी की संस्कृति हिंदू और मुस्लिम प्रथाओं का मिश्रण रही है. महाभारत के अलावा, उनके बृज के लोक गीत कई सदियों से शिव और श्रीराम, लोक रामायण, श्रीकृष्ण भगवान अन्य हिंदू देवताओं के बारे में कहानियां सुनाते हैं.

हिन्दू-मुस्लिम संस्कृति का मिश्रण है जोगी समुदाय

मेवात के जोगी और मेव कुछ परंपराओं में वे खुद को जोगी मानते हैं, जबकि अन्य में वे खुद को मुस्लिम मानते हैं. महाभारत के अलावा, उनके गीत शिव और अन्य हिंदू देवताओं के बारे में कहानियां सुनाते हैं, और कई शताब्दियों से उनकी संस्कृति हिंदू और मुस्लिम प्रथाओं का मिश्रण रही है. विशेष रूप से मेवों को राजपूत हिंदू कहा जाता है जो औरंगजेब के समय में उन्होंने इस्लाम अपना लिया था. पांडुन का कड़ा के आधार पर, मेवों ने परंपरागत रूप से अपने वंश को महाभारत के पात्रों, जैसे अर्जुन से जोड़ा है.

पांडुन का कड़ा गायन के अकेले कलाकार

वादक गफुर मेवाती जोगी ने सात साल की उम्र में अपने पिता बुद्ध सिंह जोगी के साथ पांडुन का कड़ा गाना शुरू किया था. गफरूद्दीन 60 वर्षों से अधिक समय से पांडुन का कड़ा प्रदर्शन कर रहे हैं और वर्तमान में जीवित एकमात्र व्यक्ति हैं जो पांडुन का कड़ा के सभी 2,500 और अधिक दोहे जानते हैं. उन्हें उम्मीद है कि किसी समय वह अपनी लोकप्रियता की मशाल अपने बेटे  शाहरुख खान मेवाती जोगी को सौंपेंगे.

Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Close