Priyanka Meena of Dausa district: वो कहते हैं ना सपनों को साकार करने की कोई उम्र नहीं होती जब बचपन में खेलों को देखा लेकिन आर्थिक तंगी के दौर के चलते सपने पूरे नहीं हो सके लेकिन 22 वर्ष की उम्र में भी हिम्मत नहीं हारी दौसा जिले की बैजूपाडा पंचायत समिति के गांव कंचनपुरा एक किसान की बेटी अपनी लग्न मेहनत और साहस का परिचय देते हुए गांव कंचनपुरा सहित दौसा जिले का मान बढ़ाते हुए परिवार का नाम रोशन किया है.
प्रियंका मीणा का संघर्ष
प्रियंका मीणा का जन्म वर्ष 1995 में राजस्थान के सबसे छोटे जिले के छोटे से गांव कंचनपुरा में हुआ. प्रियंका मीणा के पिता बद्रीप्रसाद मीणा एक साधरण किसान है और माता मन्नो देवी है. एक किसान परिवार में होने के कारण जीवन संधर्षपूर्ण रहा. प्रियंका ने बताया कि मेरे पिता की आर्थिक तंगी के चलते कमजोर होने के कारण जीवन में बहुत कठिनाइयों का समाना करना पड़ा मेरी खेलों में रूचि होते हुए पिता की आर्थिक स्थिति होने के कारण कुछ करना सकी. घर में कभी खेलों का माहौल नहीं था बचपन में जब खेल देखते तो इन्हें भाग लेने की इच्छा होती लेकिन घर में ऐसा माहौल नहीं होने से मन की इच्छा मन ही रह जाती थी. लेकिन प्रियंका ने गांव की सरकारी स्कूल से 12 वीं पास कक्षा उत्तीर्ण करते हुए राजस्थान पुलिस में वर्ष 2016 में कांस्टेबल के पद पर चयन हुआ.
वर्तमान में कांस्टेबल के पद पर हैं कार्यरत
कांस्टेबल के पद नौकरी करते हुए 22 वर्ष की उम्र में भी हिम्मत नहीं हारी ,सपने देखना भी नहीं छोड़ा जयपुर में तीरंदाजी का प्रशिक्षण लिया और धीरे धीरे अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए पुलिस नेशनल गेम्स वर्ष 2021में गोल्ड मेडल (Priyanka meena Gets Gold Medal In National Archery) हासिल किया जिसमें पुलिस विभाग ने कांस्टेबल से हैड कांस्टेबल के पद पर पदोन्नत किया गया. वर्ष 2022 में भी लगातार दूसरी बार गोल्ड मेडल जीतकर पुलिस महकमे की शान बढ़ाई.देश का सबसे बड़ा इंवेंट 36 वां नेशनल गेम्स में भी राजस्थान प्रदेश की ओर प्रतियोगिता में भाग लिया. साथ ही राजस्थान सीनियर चैंपियनशिप में तीरंदाजी में सोने पर निशाना लगाते गोल्ड मेडल का खिताब खुद के नाम किया. खेलों इंडिया राष्ट्रीय प्रतियोगिता में 2 गोल्ड मेडल जीतकर दौसा जिले का मान बढ़ाया है.
प्रियंका मीणा का सपना अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलना है
प्रियंका मीणा का सपना अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलना का हैं, आपको बता दें कि हैड कांस्टेबल प्रियंका मीणा वर्ल्ड कप के सलेक्शन का भी ट्रायल दे चुकी हैं उन्होंने बताया की मैं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के लिए प्रयारत हूं. दूसरी ओर प्रियंका ने कहा कि मेरी जैसी परिस्थिति में फंसे बच्चों के लिए कुछ करने की तमन्ना है मैं मेहनत कर रही हूं उन बेटियों के लिये जो अपना भविष्य सिर्फ चूल्हे चौके में ढूंढती है ताकि वो मुझे देखकर मोटीवेट हो सके और भविष्य कुछ करने की आशा की किरण जगा सके.