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This Article is From Dec 07, 2024

3 दिन में 150 भेड़-बकरियों की मौत, ठंड की शुरुआत के साथ राजस्थान में पशुओं में फैले अज्ञात बीमारी से लोग परेशान

Animal Disease: ठंड की शुरुआत के साथ ही राजस्थान में पशुओं में एक अज्ञात बीमारी फैलने से लोग चितिंत हैं. इस बीमारी की चपेट में आकर बीते तीन दिन में करीब 150 भेड़-बकरियों की मौत हो गई है.

3 दिन में 150 भेड़-बकरियों की मौत, ठंड की शुरुआत के साथ राजस्थान में पशुओं में फैले अज्ञात बीमारी से लोग परेशान
राजस्थान में सर्दी की शुरुआत के साथ पशुओं में फैली बीमारी से लोग परेशान.

Animal Disease: तीन दिन में करीब 150 भेड़-बकरियों की मौत... दर्जनों की संख्या में भेड़-बकरी बीमार. राजस्थान में ठंड की शुरुआत के साथ मवेशियों में फैले अज्ञात बीमारी से पशुपालकों की परेशानी बढ़ गई है. मामला राजस्थान के सरहदी जिले जैसलमेर से सामने आया है. जहां के खुहड़ी और आसपास के गांवों में अज्ञात बीमारी के चलते बकरियों और भेड़ों की मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले तीन दिनों में करीब 100 से 150 बकरियों और भेड़ों की मौत हो चुकी है. अचानक हो रही इन मौतों से इलाके के पशुपालक बेहद चिंतित हैं. उनका कहना है कि बीमारी के कारण पशु चलते-चलते गिरकर दम तोड़ रहे हैं.

स्थानीय पशु अस्पताल से लोगों को नहीं मिल रही मदद

खुहड़ी इलाके के पशुपालकों ने आरोप लगाया है कि यहां मौजूद पशु हॉस्पिटल से उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही है. अमर सिंह सोढ़ा, भगवाना राम, रतन, रेवंता राम, नवला राम और लख सिंह जैसे कई पशुपालकों की बकरियां और भेड़ें इस बीमारी का शिकार हो चुकी हैं. अमर सिंह ने बताया कि जब वे हॉस्पिटल गए तो वहां कार्यरत डॉक्टर ने मदद करने में आनाकानी की.

पशुपालकों का कहना है कि उन्हें यह तक समझ नहीं आ रहा कि उनके पशुओं की मौत का कारण क्या है. इलाज न मिलने से गरीब पशुपालकों की समस्याएं बढ़ गई हैं.

पशुपालन विभाग के निदेशक बोले- भेजी जा रही मोबाइल मेडिकल टीम

पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. उमेश वेंगटिवार ने कहा कि खुहड़ी और अन्य गांवों में पशुओं की मौत की सूचना मिली है.विभाग इस स्थिति को गंभीरता से ले रहा है. एक मोबाइल मेडिकल टीम बनाकर प्रभावित गांवों में भेजी गई है.यह टीम जानकारी जुटाएगी और उसके आधार पर बीमारी का इलाज शुरू किया जाएगा. 

उन्होंने बताया कि अभी तक किसी विशेष बीमारी का पता नहीं चल पाया है.जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि मौतों का असली कारण क्या है.

 
यहां के लोगों के जीवनयापन का मुख्य स्रोत पशुपालन ही

खुहड़ी के ग्रामीणों के अनुसार, बीमारी के कारण अधिकतर मौतें बकरियों की हो रही हैं. भेड़ों में भी यह समस्या देखी जा रही है, लेकिन संख्या कम है. पशुपालकों का कहना है कि उनकी आय का मुख्य स्रोत ये पशु ही हैं. ऐसे में बकरियों और भेड़ों की मौत से उनका जीवनयापन मुश्किल हो गया है.

जैसलमेर के रेतीले धोरों पर चलते-चलते अचानकर गिरकर दम तोड़ रही भेड़-बकरियां.

जैसलमेर के रेतीले धोरों पर चलते-चलते अचानकर गिरकर दम तोड़ रही भेड़-बकरियां.

जल्द से जल्द बीमारी का पता कर इलाज शुरू करें विभाग

पशुपालक चाहते हैं कि विभागीय टीमें जल्द से जल्द आकर बीमारी का पता लगाएं और इलाज शुरू करें. उनका कहना है कि अगर समय पर मदद नहीं मिली तो उनकी और अधिक बकरियां व भेड़ें मर सकती हैं. अब देखना होगा कि विभागीय जांच से बीमारी का कारण कब तक पता चलता है और पशुओं की मौतों पर काबू पाया जाता है.

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