Rajasthan News: राजस्थान के जनजाति जिले बांसवाड़ा में चार दिनों से लगातार हो रही बारिश से किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें नजर आने लगी हैं. कुछ दिनों पूर्व तक बरसात नहीं होने से भी किसान चिंतित थे, तो अब चार दिनों में अधिक बरसात होने के बाद भी किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खींच गई हैं.
30 से 70 फीसदी फसल को नुकसान
बारिश के साथ तेज हवा के चलने से फसलें धराशाई हो गई है और इसके चलते जिले में सोयाबीन की फसल और मक्का की फसल पर इसका व्यापक असर हुआ है. जिसको लेकर प्रशासन ने फसलों के नुकसान की गिरदावरी करने के निर्देश दिए हैं. बांसवाड़ा जिले में मक्का की बुवाई करीब एक लाख 15 हज़ार हेक्टर में हुई है. वहीं सोयाबीन की बुवाई करीब 72 हजार हेक्टर में की गई है. किसानों के अनुसार, अधिक बारिश होने से सोयाबीन की फसल पर करीब 30 फीसदी का नुकसान माना जा रहा है. वहीं मक्का में 70 फीसदी खराबे का डर सता रहा है.
तेज धूप निकली तो नुकसान कम होगा
कृषि वैज्ञानिक बता रहे हैं कि अधिक बारिश होने से मक्का की फसल को नुकसान हो सकता है, लेकिन यदि दो-तीन दिन तेज धूप निकल आए तो सोयाबीन की फसल पर अधिक नुकसान नहीं होगा. जिला कलेक्टर डॉ इंद्रजीत सिंह यादव ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह फसलों की गिरदावरी कर इसकी रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेजे जिससे कि किसानों को बीमा कंपनियों और सरकार की ओर से मिलने वाले योजना का लाभ दिया जा सके. बांसवाड़ा जिले में आनंदपुरी और बागीदौरा विधानसभा क्षेत्र में अधिक बरसात से फसलों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है जिसको लेकर पूर्व मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीया ने भी क्षेत्र का दौरा किया और जिला प्रशासन से इसकी गिरदावरी करने की मांग की है.
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