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हनुमानगढ़ में एथेनॉल फैक्टरी विरोध में 40 लोग हिरासत में 100 पर FIR, क्षेत्र में तनाव बरकरार

किसानों एवं स्थानीय नेताओं का कहना है कि मांगें पूरी होने तक वे निर्माणाधीन एथेनॉल कारखाने के खिलाफ प्रदर्शन जारी रखेंगे. हालांकि, गुरुवार सुबह बैठक के लिए इकट्ठा हो रहे किसानों एवं ग्रामीणों को पुलिस ने रोक दिया.

हनुमानगढ़ में एथेनॉल फैक्टरी विरोध में 40 लोग हिरासत में 100 पर FIR, क्षेत्र में तनाव बरकरार

Hanumangarh Farmer Protest: राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में एक निजी कंपनी के प्रस्तावित एथेनॉल कारखाने को लेकर किसानों के विरोध के कारण गुरुवार (11 दिसंबर) को भी तनाव बना हुआ है. इस बीच, पुलिस ने बुधवार के विरोध प्रदर्शन में शामिल 100 से ज्यादा लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और 40 लोगों को हिरासत में लिया है. किसानों एवं स्थानीय नेताओं का कहना है कि मांगें पूरी होने तक वे निर्माणाधीन एथेनॉल कारखाने के खिलाफ प्रदर्शन जारी रखेंगे. हालांकि, गुरुवार सुबह बैठक के लिए इकट्ठा हो रहे किसानों एवं ग्रामीणों को पुलिस ने रोक दिया. टिब्बी कस्बे में एक गुरुद्वारे में बैठक हुई. पुलिस ने कांग्रेस विधायक रूपिंदर सिंह कुन्नर को हिरासत में ले लिया.

अतिरिक्त महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) वीके सिंह ने पत्रकारों को बताया, ‘‘100 से ज्यादा लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. बुधवार की हिंसक घटना पूरी तरह से अवांछित थी जिसमें पुलिस और होमगार्ड के लगभग तीन घायल दर्जन जवान घायल हुए हैं. कुछ बाहरी तत्वों ने स्थानीय लोगों को उकसाया जिससे यह घटना हुई.''

30 परिवार घर छोड़कर चले गए

इस बीच, जिला प्रशासन ने मामले में किसी नतीजे पर पहुंचने के लिए विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे लोगों के साथ बैठक की. इलाके में लगातार दूसरे दिन भी इंटरनेट सेवाएं बंद रहीं. बताया जा रहा है कि कारखाने के आसपास के इलाके से करीब 30 परिवार डर के मारे अपने घर छोड़कर चले गए हैं.

किसानों के विरोध प्रदर्शन ने बुधवार को हिंसक रूप ले लिया और सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने राठीखेड़ा गांव में ‘ड्यून एथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड' के निर्माणाधीन कारखाना स्थल पर धावा बोल दिया. उन्होंने कथित तौर पर कंपनी की चारदीवारी तोड़ दी तथा कार्यालय और परिसर में खड़ी कई गाड़ियों में आग लगा दी. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए बल प्रयोग किया, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई. पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागे. गुस्साए किसानों ने पुलिस जीप और कई गाड़ियों समेत एक दर्जन से ज्यादा गाड़ियों में कथित तौर पर आग लगा दी. इस विरोध प्रदर्शन के दौरान महिलाओं सहित 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए. कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया को लाठीचार्ज के दौरान सिर में चोट लगी और उन्हें हनुमानगढ़ जिला अस्पताल ले जाया गया.

राइजिंग राजस्थान समिट में मिली थी फैक्टरी को मंजूरी

हनुमानगढ़ के जिलाधिकारी डॉ. खुशाल यादव ने गुरुवार को पत्रकारों को बताया कि प्रस्तावित एथेनॉल कारखाने के लिए सभी जरूरी मंजूरियां ली गई हैं. यादव ने बताया, “यह फैक्टरी 2022 की परियोजना का हिस्सा है, जिसे ‘राइजिंग राजस्थान समिट' के दौरान मंजूरी दी गई थी. जमीन के रूपांतरण से लेकर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तक सभी जरूरी अनुमतियां दे दी गई हैं.” उन्होंने बताया हालांकि शांतिपूर्ण महापंचायत की अनुमति दी गई थी लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों ने निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए कारखाने की ओर मार्च किया.

जिलाधिकारी ने बताया, “कुछ लोगों ने कानून अपने हाथ में लिया. इसमें शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. सभी से शांति बनाए रखने और हिंसा का सहारा न लेने की अपील की जाती है.”

यादव ने बताया कि शिकायतों को हल करने के लिए कई संवैधानिक तरीके मौजूद हैं और अगर कोई शंका है तो उन्हें कानूनी एवं संवैधानिक रूप से हल किया जा सकता है लेकिन कानून को अपने हाथ में लेने से बचा जा सकता था. टिब्बी और राठीखेड़ा गांवों में पुलिस आरएसी और होम गार्ड के अतिरिक्त जवानों को तैनात किया गया है.

महिलाएं पहुंची गुरुद्वारा

गुरुवार को दुकानें खुलीं, स्थिति शांत दिखी लेकिन किसान गुरुद्वारे में इकट्ठा होते रहे. घायल महिलाओं समेत प्रदर्शनकारियों ने रात गुरुद्वारा सिंह सभा में बिताई. कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और हरियाणा एवं पंजाब के कई किसान संगठनों के नेता इस विरोध प्रदर्शन का समर्थन कर रहे हैं. फैक्टरी हटाओ संघर्ष समिति के नेता रवजोत सिंह ने दावा किया, “झड़प में महिलाओं समेत 70 से ज्यादा लोग घायल हुए. 100 से ज्यादा किसान रात भर गुरुद्वारे में रुके .''

कांग्रेस नेता ने प्रशासन पर लगाया आरोप

कांग्रेस नेता शबनम गोदारा ने कहा कि हिंसा के लिए सिर्फ प्रशासन जिम्मेदार है. उन्होंने कहा, “किसानों ने सिर्फ लिखित आश्वासन मांगा था कि निर्माण रोक दिया जाएगा. उनकी जायज चिंताओं को दूर करने के बजाय प्रशासन ने उन्हें उकसाया. उन्होंने सिर्फ रोजगार के वादों की बात करके लोगों को गुमराह किया.”  गोदारा ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, किसान अपना आंदोलन जारी रखेंगे. किसान संगठनों का कहना है कि प्रस्तावित कारखाने को पर्यावरणीय मंजूरी नहीं मिली है. उन्होंने कहा कि यह मंजूरी एवं स्थानीय लोगों की रजामंदी के बिना काम आगे नहीं बढ़ने दिया जाएगा.

इस बीच ‘ड्यून इथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड' ने कहा कि यह परियोजना केंद्र सरकार की एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम का समर्थन करेगी.

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