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This Article is From Oct 07, 2023

Sureli Railway Station: यह कैसा रेलवे स्टेशन जहां न बिजली है, ना पानी, न छाया का इंतजाम? जमीन पर बैठकर टिकट काटते हैं एजेंट

सुरेली के रेलवे स्टेशन की हालत देखकर ही इसकी बदहाली की कहानी बयां हो जाती है.जो यात्री यहां से सफर करते हैं, उनके लिए न यहां छाया है, न बिजली है और न ही पानी. ऐसे में सर्दी, गर्मी और बरसात में यहां यात्रियों पर मुसीबतों का कहर टूटता है.

Sureli Railway Station: यह कैसा रेलवे स्टेशन जहां न बिजली है, ना पानी, न छाया का इंतजाम? जमीन पर बैठकर टिकट काटते हैं एजेंट
सुरेली रेलवे स्टेशन
टोंक:

राजस्थान का एकमात्र नवाबी रियासत रहा टोंक आजादी के 76 सालों बाद भी रेल से महरूम है. वहीं, टोंक जिले की आखरी सीमा पर एक ऐसा रेलवे स्टेशन है, जहां 45 सालों से बिजली, पानी और छाया जैसी सुविधाओं के अभाव में यात्री इस स्टेशन पर रेल का इंतजार भी करते हैं और सफर भी करते हैं. फिर भी सत्ता में बैठे नुमाइंदों के कानों पर यह आवाज कभी नहीं रेंगती है.

टोंक जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर की दूरी पर जिले की आखरी सीमा पर मौजूद सुरेली के रेलवे स्टेशन की हालत देखकर ही इसकी बदहाली की कहानी बयां हो जाती है. यहां भले ही एक मात्र ट्रेन जयपुर-बयाना का ठहराव होता हो, लेकिन जो यात्री यहां से सफर करते हैं, उनके लिए न यहां छाया है, न बिजली है और न ही पानी. ऐसे में सर्दी, गर्मी और बरसात में यहां यात्रियों पर मुसीबतों का कहर टूटता है.

इस स्टेशन के कमरे पर छत तक नहीं है और न ही टिकट विंडो. ऐसे में टिकट एजेंट जमीन पर बैठकर यात्रियों को टिकट देते नजर आते हैं.

कोरोना काल में बंद हुई सेवा

सुरेली रेलवे स्टेशन पर पहली बार ट्रेन का ठहराव 1978 में हुआ था. इन 45 सालों में इस स्टेशन पर कभी दो तो कभी एक ट्रेन यहा रुकती है. कोरोना काल से पहले यहां दो ट्रेनों का दिन में कुल चार बार ठहराव होता था. कोरोना काल में एक ट्रेन का ठहराव यहां बंद कर दिया गया, जो अब तक शुरू नहीं हो सका है.

कभी नवाबों ने किया यहां शासन

यह टोंक की जनता की बदकिस्मती रही है कि जहां कभी नवाबों का शासन रहा है और आजादी के 76 सालों से जहां हर चुनाव में रेल एक मुद्दा रहा हो, उस जिले में अब तक भी जिला मुख्यालय रेल से वंचित है. इसके अलावा, छोटे रेलवे स्टेशनों की बदहाली भी ग्रामीण जनता के लिए योजना बनाने वालों की सोच को दर्शाती है.

हमेशा बनता है चुनावी मुद्दा

टोंक की जनता ने यहां से चुनाव लड़ने वालों से हमेशा रेल मांगी है. जनता ने खयाली पुलाव की रेवड़ियां भी नेताओ ने खूब बांटी हैं, लेकिन आज भी टोंक की जनता इस मामले में बदकिस्मत है कि जिला मुख्यालय रेल से वंचित राजस्थान का एकमात्र जिला है और जो छोटे रेलवे स्टेशन जिले में मौजूद हैं, उनकी बदहाली की कहानी सुरेली का यह स्टेशन कहता है.

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