
Rajasthan News: एक तरफ जहां सरकार देश में जनसंख्या नियंत्रण के लिए तरह-तरह के कार्यक्रम चला रही है, वहीं दूसरी तरफ उदयपुर के एक सुदूर ग्रामीण इलाके से आई खबर ने सबको चौंका दिया है. राजस्थान के आदिवासी अंचल में शामिल झाड़ोल क्षेत्र के लीलावास गांव की रहने वाली रेखा कालबेलिया ने झाड़ोल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अपने 17वें बच्चे को जन्म दिया है. 55 साल की उम्र में मां बनने की यह घटना अपने आप में अनोखी है. इस घटना ने न सिर्फ इलाके में कौतूहल पैदा किया है, बल्कि सरकारी दावों और जमीनी हकीकत के बीच के अंतर को भी उजागर कर दिया है.
"हम दो, हमारे दो" का नारा यहां फेल
जहां एक ओर सरकार "हम दो, हमारे दो" का नारा देकर परिवार नियोजन को बढ़ावा दे रही है, वहीं रेखा कालबेलिया का बड़ा परिवार सरकारी दावों की पोल खोलता दिख रहा है. परिवार नियोजन के लिए सरकार गांवों में नसबंदी शिविर लगाती है, लोगों को जागरूक करने के लिए प्रलोभन देती है, लेकिन इस घटना से साफ है कि ये प्रयास शायद उतने सफल नहीं हो पा रहे, जितनी उम्मीद की जाती है.
आदिवासी समाज में बड़े परिवार की अवधारणा
इस बारे में जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, झाड़ोल के डॉ. रोशन दरांगी से बात की गई, तो उन्होंने भी इस बात को स्वीकार किया कि ग्रामीण इलाकों में जागरूकता की कमी एक बड़ी चुनौती है. उन्होंने कहा, 'आदिवासी समाज में बड़े परिवार की अवधारणा आज भी प्रचलित है. कई बार लोग स्वास्थ्य और सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूक नहीं होते. यह मामला एक उदाहरण है कि हमें परिवार नियोजन कार्यक्रमों को और भी प्रभावी तरीके से लागू करने की जरूरत है.'
पोते-पोती और दोहिते भी पहुंचे बधाई देने
रेखा कालबेलिया के परिवार में नए सदस्य के आने की खुशी में पूरा परिवार अस्पताल पहुंच गया. इस मौके पर बधाई देने वालों में सिर्फ पति और बच्चे ही नहीं, बल्कि उनके पोते-पोती और दोहिते-दोहितियां भी शामिल थे. रेखा के 17 बच्चों में से 7 लड़के और 4 लड़कियां जीवित हैं, जबकि 5 बच्चों की जन्म के बाद मौत हो चुकी है. उनके कई बच्चों की शादियां हो चुकी हैं और उनके भी 2 से 3 बच्चे हैं. रेखा की बेटी शीला कालबेलिया ने बताया कि उनके परिवार में हमेशा से ही बच्चे ज्यादा रहे हैं और वे इस नए सदस्य के आने से बहुत खुश हैं. वहीं, रेखा के पति कवरा कालबेलिया ने कहा कि भगवान की मर्जी से उनके इतने बच्चे हुए हैं और वे इसे अपना सौभाग्य मानते हैं.
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