Shardiya Navratri 2023: पूरे देश में शारदीय नवरात्रि का पूर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. नौ दिन तक चलने वाले इस पर्व के दो दिन सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माने जाते हैं, अष्टमी और नवमी. आज दुर्गाष्टमी ही है. इस दिन माता महागौरी की उपासना की जाती है. इस दिन बहुत लोग वर्त रखते हैं, और कन्या पूजन करते हैं. इसीलिए इस दिन को काफी महत्वपूर्ण माना गया है. नवरात्रि में जगह-जगह भक्तगण दुर्गा पंडाल बनाकर माता के नौ स्वरूपों की पूजा करते हैं. राजस्थान के बांसवाड़ा में भी एक ऐसा ही दुर्गा पंडाल बनाया गया है, जो इस वक्त चर्चा का विषय बना हुआ है.
10 फीट ऊंची मां दुर्गा की प्रतिमा
बांसवाड़ा में रह रहे एक बंगाली परिवार ने करीब एक हजार एक सौ साठ किलोमीटर दूर पश्चिम बंगाल में स्थित गंगा नदी से मिट्टी लाकर इस बार नवरात्रि पर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की है. इस प्रतिमा को बनाने के लिए पिछले 4 महीने से कोलकाता से आए कलाकार दिन-रात मेहनत करके बना रहे थे. विगत कई सालों से बांसवाड़ा में रहे दर्जनों बंगाली परिवार समाज के लोग हर साल नवरात्रि में अपनी परंपरा को कायम रखने के लिए नवरात्र में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर उसकी पूजा अर्चना करते आ रहे हैं. इस वर्ष बंगाली समाज ने पर्यावरण संरक्षण की मिसाल कायम रखने के लिए बांसवाड़ा से एक हजार एक सो साठ किलोमीटर दूर कोलकाता स्थित गंगा नदी से मिट्टी लाकर दस फीट ऊंची मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की है.
विधि विधान से होगा विसर्जन
वहीं बंगाली समाज के अध्यक्ष गोविंद सरकार और उपाध्यक्ष अमित विश्वास सहित अन्य की मौजूदगी में 9 घटों की स्थापना कर देवी बोधन धार्मिक विधि से मां दुर्गा का आह्वान किया गया. दुर्गा महोत्सव के उपलक्ष में दुर्गा पूजा के तहत धनुची नृत्य, षष्ठी पूजा, सप्तमी पूजा हुई और रविवार को अष्टमी पूजा होगी. यह पूजा अर्चना का दौर दशमी तक चलेगा और बाद में इसको पूरे विधि विधान और शोभायात्रा के साथ विसर्जन किया जाएगा. नवरात्र में कुशलबाग मैदान में लगाए गए दुर्गा पांडाल न केवल बंगाली समाज के लिए आस्था का केंद्र है. अन्य समाजों के लोग भी इस आकर्षक पंडाल को देखने और पूजा अर्चना के लिए रोजाना आते हैं.