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Rajasthan Election 2023: राजस्थान की एक ऐसी सीट जहां अपने ही पिता के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरी बेटी

Rajasthan Election 2023 News: अलवर ग्रामीण विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी व पूर्व विधायक जयराम जाटव के खिलाफ उनकी बेटी मीना कुमारी अपने पिता के खिलाफ ही चुनाव मैदान में है.

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Rajasthan Election 2023: राजस्थान की एक ऐसी सीट जहां अपने ही पिता के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरी बेटी
प्रतीकात्मक तस्वीर

Rajasthan Assembly Election 2023: अलवर जिले के 11 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में से राजगढ़ लक्ष्मणगढ़ और अलवर ग्रामीण विधानसभा सीट इन दिनों चर्चा में बनी हुई है. राजगढ़ लक्ष्मणगढ़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस के विधायक जोहरी लाल मीणा खुद निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं अलवर ग्रामीण विधानसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार जयराम जाटव के खिलाफ उनकी बेटी मीना कुमारी अपने पिता के खिलाफ ही चुनाव मैदान में हैं, जिससे मुकाबला रोचक हो गया है. हालांकि राजगढ़ लक्ष्मणगढ़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने बागियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करते हुए विधायक जोहरी लाल मीणा, शीला मीणा व राहुल मीणा को पार्टी से निष्कासित कर दिया है. जोहरी लाल मीणा, शीला मीना और राहुल मीणा टिकट न मिलने से नाराज होकर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. 

पिता के खिलाफ मैदान में बेटी

करीब 261000 मतदाताओं वाली इस अलवर ग्रामीण विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में 7 प्रत्याशी मैदान में हैं, जहां से भारतीय जनता पार्टी से जयराम जाटव, कांग्रेस से मंत्री टीकाराम जूली, बहुजन समाज पार्टी से जगदीश प्रसाद, आम आदमी पार्टी से महावीर प्रसाद राजोरिया, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी से मुकेश कुमार एवं निशा देवी और मीना कुमारी निर्दलीय रूप में चुनाव मैदान में हैं. इस विधानसभा सीट पर 138000 पुरुष मतदाता और 123000 महिला मतदाता हैं.

अलवर ग्रामीण विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में जहां राजस्थान सरकार के मंत्री टीका राम जूली के प्रतिष्ठा दांव पर है. वहीं भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी व पूर्व विधायक जय राम जाटव के खिलाफ उनकी पुत्री मीना कुमारी के चुनाव लड़ने से यह चुनाव रोमांचक हो गया है क्योंकि मीना कुमारी ने अपने पिता जयराम जाटव पर भ्रष्टाचार, घर से बेदखल और विधायक रहते हुए अत्याचार करने का आरोप लगाया है. मीना कुमारी कई बार अपने पिता पर आरोप लगाने के लिए मीडिया के सामने आ चुकी हैं और उनका कहना है कि उनका मकसद है पिता को हराना है. वहीं वर्तमान विधायक एवं मंत्री टीकाराम जूली के खिलाफ उनके कार्यों को लेकर मतदाताओं में नाराजगी बनी हुई है. 

वर्ष 2018 में परिसीमन के बाद अलवर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र बना था जहां से पहले विधायक कांग्रेस के टीकाराम जूली निर्वाचित हुए थे. वर्ष 2013 के हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के जय राम जाटव निर्वाचित हुए थे. अब टीका राम जूली यहां से विधायक हैं.

विरोध कर रहे कार्यकर्ता हुए निष्कासित

राजगढ़ लक्ष्मणगढ़ विधानसभा सीट इन दोनों बागियों के कारण चर्चा में बनी हुई है. यहां से कांग्रेस ने रैणी की प्रधान के पति चीफ इंजीनियर पद से सेवानिवृत हुए मांगे लाल मीना को टिकट दिया है. मांगे लाल मीणा की पत्नी कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ चुकी है. उसके बावजूद भी मंगेलाल मीणा को टिकट दिया गया, इसका विरोध वर्तमान विधायक जोहरी लाल मीणा सहित अन्य कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया. टिकट नहीं मिलने से नाराज विधायक जोहरी लाल मीणा कांग्रेस की नेता शीला मीणा एवं युवा कांग्रेस के नेता राहुल मीणा नाराज होकर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस ने इन पर कार्रवाई करते हुए तीनो को कांग्रेस से निष्कासित कर दिया है. विधायक जोहरी लाल मीणा ने तो आलाकमान पर टिकट बेचने का आरोप लगाया था. इस विधानसभा सीट पर 264000 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे जिनमें 141000 मतदाता पुरुष और 123000 मतदाता महिला मतदाता हैं. इस निर्वाचन क्षेत्र से सबसे ज्यादा प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. यहां 17 प्रत्याशी अपना भाग्य जम रहे हैं.

राजगढ़ लक्ष्मणगढ़ विधानसभा सीट के प्रत्याशी

राजगढ़ लक्ष्मणगढ़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस से मांगे लाल मीणा, भारतीय जनता पार्टी से अलवर सरस डेयरी के पूर्व अध्यक्ष बन्ना राम मीणा, बहुजन समाज पार्टी से धर्म सिंह धानका, आम आदमी पार्टी से नंदलाल, समाजवादी पार्टी से पूर्व विधायक सूरजभान धानका चुनाव मैदान में है. सूरजमल धान का यहां गैर मीणा वोटो के कारण चुनाव जीते थे. वहीं अमरचंद मीना, ओमप्रकाश मीणा ,कपिल, जगदीश, जसराम मीना, जोहरी लाल मीणा ,महेंद्र कुमार मीणा ,रामावतार, राहुल ,लाला राम मीणा ,शीला मीणा और विजय समर्थ लाल निर्दलीय रूप में चुनाव मैदान में है. पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्वर्गीय समरथ लाल मीणा के पुत्र विजय समर्थ लाल मीणा अपने भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ बागी रूप में निर्दलीय चुनाव मैदान में हैं. यहां दोनों ही प्रत्याशियों को अपने बागियों से खतरा है.

परिसीमन के बाद भाजपा नहीं खोल पाई अपना खाता

भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार बन्ना राम मीणा 1 साल पहले ही भाजपा में शामिल हुए थे. टिकट मिलने के बाद उनका भी काफी विरोध है. बागियों के कारण इस सीट पर चुनाव काफी रोमांचक स्थिति में है. परिसीमन के बाद यहां का प्रियदर्शी भी बदल गए क्योंकि राजगढ़ अलग विधानसभा क्षेत्र था और लक्ष्मणगढ़ अलग विधानसभा क्षेत्र था परिसीमन के बाद दोनों को जोड़ दिया गया. परिसीमन के बाद यहां भारतीय जनता पार्टी कभी नहीं जीत पाई .जब यह राजगढ़ विधानसभा क्षेत्र था तब यहां से भारतीय जनता पार्टी के सिर्फ मास्टर समर्थ लाल मीणा ही चुनाव जीते थे.

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