
ACB Action: राजस्थान में भ्रष्टाचार के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की टीम लगातार जाल बिछाकर कार्रवाई कर रही है. हाल ही में सीएम भजनलाल शर्मा ने भी एसीबी को भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई करने की खुली छूट देने की बात कही थी. अब एसीबी की टीम जोर शोर से भ्रष्ट कर्मचारियों और अधिकारियों पर नकेल कस रहे हैं. ताजा मामला कोटपूतली के बानसूर की है जहां तहसील में काम करने वाले कानूनगो (राजस्व निरीक्षक) को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है. एसीबी ने तहसील पर ही रेड डाल कर कानूनगो पकड़ा है.
बताया जा रहा है कि कानूनगो महेंद्र मोर्य ने एक शख्स से वसीयतनामे को लेकर 5000 रुपये रिश्वत की मांग की थी. लेकिन एसीबी को शिकायत मिलने के बाद टीम ने तहसील कार्यालय पर ही रेड डाल रिश्वत राशि के साथ गिरफ्तार कर लिया. पूरी कार्रवाई भिवाड़ी ACB डीएसपी परमेश्वर यादव के नेतृत्व में की गई.
रिश्वत की राशि को पकड़े जाने पर फेंक दिया
एसीबी के डीएसपी परमेश्वर यादव ने मीडिया को बताया कि परिवादी ने शिकायत दी थी कि एक जमीन का परिवादी की मां के नाम नामांतरण होना था जिसे सरपंच के द्वारा खारिज कर दिया गया था. एसडीएम कोर्ट द्वारा ये निर्णय हुआ था कि इनका नामांतरण खोल दिया जाएं. इसकी कॉपी ले कर कानूनगो महेंद्र मौर्य से मिले तो परिवादी से 5000 रिश्वत मांगी.
शिकायत का सत्यापन कराने के बाद एसीबी ने कानूनगो पर ट्रैप कार्रवाई की. वहीं तहसील पर छापेमारी हुई तो कानूनगो को एसीबी को देखते ही भनक लग गई थी इसलिए बरामदे में राशि फेंक दी थी. इसके बाद खुद ने ही गलती स्वीकार कर ली.
जानकारी के मुताबिक, रिश्वत की रकम जैसे ही आरोपी ने ली, टीम ने उसे मौके पर पकड़ लिया. इसके बाद कार्यालय में दस्तावेजों की जांच और अन्य कर्मचारियों से पूछताछ की गई.
इस कार्रवाई से तहसील कार्यालय सहित पूरे प्रशासनिक तंत्र में हड़कंप मच गया है. अभी तक आरोपी महेन्द्र मोर्य के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है और पूछताछ जारी है.
कौन होता है कानूनगो
कानूनगो, राजस्व विभाग में एक क्षेत्रीय अधिकारी होता है, जो पटवारियों (या लेखपालों) के काम की निगरानी करता है और उनके द्वारा किए गए भूमि रिकॉर्डों की जांच करता है.
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