
Rajasthan News: झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव में स्कूल भवन ढहने से 7 बच्चों की दर्दनाक मौत और 28 के घायल होने की घटना ने पूरे राजस्थान को झकझोर दिया. इस हादसे के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्य के सभी स्कूलों की सुरक्षा जांच के लिए बैठक की. इसके बाद बीकानेर जिला प्रशासन ने भी कमर कस ली और जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि एक्टिव मोड में नजर आईं. अब बीकानेर में ‘मिशन सुरक्षित स्कूल' के लहत जर्जर स्कूलों को जमींदोज करने के सख्त आदेश दे दिए गए हैं.
जर्जर स्कूल भवनों पर सख्ती
कलेक्टर ने साफ निर्देश दिए कि बच्चों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं होगा. मिशन के तहत जिले के 349 जर्जर स्कूल भवनों को तत्काल तोड़ने की स्वीकृति दी गई. साथ ही सभी सरकारी स्कूलों और स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण करने के लिए बीडीओ और तहसीलदार की संयुक्त टीम गठित की गई है. कलेक्टर ने कहा कि "कोई भी असुरक्षित भवन बख्शा नहीं जाएगा. बच्चों की जान सर्वोपरि है."
स्कूलों का सर्वे पूरा, समस्याएं चिन्हित
जिले के 2,156 स्कूलों का विस्तृत सर्वे पूरा हो चुका है. सर्वे में 537 कमरों को मरम्मत योग्य पाया गया. इसके साथ ही 438 बाउंड्री वाल, 1,224 टिन शेड, 860 शौचालय और 195 बिजली से जुड़ी समस्याएं सामने आईं. 50 स्कूलों में सुरक्षा के अतिरिक्त इंतजामों की जरूरत बताई गई है.
तेजी से हो रहे निर्माण कार्य
जिला प्रशासन ने अब तक 1,707 निर्माण और मरम्मत कार्यों को मंजूरी दी है, जिनमें से 1,276 पूरे हो चुके हैं. कलेक्टर ने अधिकारियों को चेतावनी दी है कि इस अभियान में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी. खराब हालत वाले भवनों को जल्द चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी.
कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने कहा, “हमारा लक्ष्य हर बच्चे को सुरक्षित स्कूल देना है. सभी जिम्मेदार अधिकारी और टीमें मिलकर यह सुनिश्चित करें कि कोई भी स्कूल असुरक्षित न रहे.”
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