
शनिवार को चित्तौड़गढ़ के गांवों के लिए खुशखबरी आई है. चम्बल परियोजना से चित्तौड़गढ़ जिले के 648 गांवों में पानी पहुँचेगा. इसके लिए करीब एक हज़ार करोड़ रुपए खर्च होंगे. शनिवार को राज्यमंत्री सुरेंद्र सिंह जाड़ावत ने बताया कि
राज्य सरकार ने चित्तौड़गढ़ विधानसभा क्षेत्र के 265 गांवों और शहर के लोगों को चंबल परियोजना के जरिए पानी की सौगात दे दी है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की स्वीकृति के बाद एलएनटी कंपनी को काम करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं.
विधानसभा क्षेत्र को चंबल परियोजना से जोड़ने के लिए राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति ने चित्तौड़ विधानसभा क्षेत्र में चंबल का पानी पहुंचाने के लिए डीपीआर बनाने को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही चित्तौड़गढ़ विधानसभा तक चंबल का पानी पहुंचाने वाली इस योजना की राह आसान हो गई है.
लंबे इंतज़ार के बाद परियोजना को मिली मंजूरी
चंबल के पानी के लिए चित्तौड़गढ़ के लोग काफी समय से इंतज़ार कर रहे थे.अब जाकर उनकी या उम्मीद पूरी होने वाली है. इस योजना के तहत पहले चरण में एक हज़ार करोड रुपए खर्च होंगे. एलएनटी कंपनी को कार्यदेश जारी किए गए हैं जो पाइप लाइन बिछाने का कार्य करेंगी. यह परियोजना कुल 2265 करोड़ की है. परियोजना 50 साल तक पानी की किल्लत होगी दूर होगी उसके बाद दुसरे चरण का काम जल्द शुरू होगा.
मंत्री जाड़ावत के मुताबिक़, चित्तौड़गढ़ के 648 गांवों के लिए चंबल नदी पर आधारित पेयजल परियोजना के तहत पानी जाएगा. इसमें बेंगू शहर सहित 142 गांवों में, गंगरार के 98 गांवों में, भैंसरोडगढ़ के 82 गांवों में चित्तौड़गढ़ शहर सहित 265 गांवों में और निम्बाहेड़ा के 66 गांव शामिल हैं.
चित्तौड़गढ़ विधानसभा क्षेत्र में पेयजल किल्लत को देखते हुए यहां चंबल परियोजना के जरिए पानी लाने का बीड़ा राज्यमंत्री सुरेंद्र सिंह जाड़ावत ने उठाया. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद शुक्रवार को हुई बैठक में सीएम अशोक गहलोत द्वारा एक हज़ार करोड़ की मंजूरी देकर कार्यादेश जारी कर दिए गए हैं.
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