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राजस्थान को गुलामी के प्रतीक से मिली मुक्ति, 113 साल पुराने किंग एडवर्ड मेमोरियल का बदला गया नाम

King Edward Memorial, Rajasthan: राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित किंग एडवर्ड सप्तम मेमोरियल भवन का नाम बदल दिया गया है. इस भवन का नाम बदलने से गुलामी के एक प्रतीक से मुक्ति मिला है.

राजस्थान को गुलामी के प्रतीक से मिली मुक्ति, 113 साल पुराने किंग एडवर्ड मेमोरियल का बदला गया नाम
किंग एडवर्ड सप्तम मेमोरियल भवन.


King Edward Memorial Name Change: राजस्थान को 113 साल बाद गुलामी के एक प्रतीक से आजादी मिली है. गुलामी का यह प्रतीक राजस्थान के अजमेर में था. अजमेर में स्थित किंग एडवर्ड सप्तम मेमोरियल का भवन 1912-1913 में यात्रियों के ठहराव के लिए बनाया गया था. 1975 से यह रजिस्टर्ड सोसायटी के रूप में संचालित हो रहा है. 3 सितंबर 2014 को इसे पुरा स्मारक घोषित किया गया था. इस परिसर का कुल क्षेत्रफल 17,542 वर्गगज (लगभग 9 बीघा) है. राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि अजमेर का इतिहास और संस्कृति गौरवशाली रही है और इसे पुनः स्थापित करने के लिए ये कदम उठाए जा रहे हैं. सरकार आगे भी इस दिशा में काम करेगी.

दरअसल विधानसभा अध्यक्ष और अजमेर उत्तर से विधायक वासुदेव देवनानी ने अजमेर को गुलामी के एक और प्रतीक नाम से मुक्ति दिलाते हुए 113 साल पुराने किंग एडवर्ड मेमोरियल (केईएम) का नाम बदलकर महर्षि दयानन्द विश्रान्ति गृह कर दिया है. सहकारिता विभाग ने मंगलवार को इस संबंध में आदेश जारी किए.

नाम बदलने की घोषणा महर्षि दयानन्द की 200वीं जयंती पर की गई थी

देवनानी ने महर्षि दयानन्द सरस्वती की 200वीं जयंती पर आयोजित राष्ट्रीय समारोह में केईएम का नाम बदलने की घोषणा की थी. इसके तहत विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश पर सहकारिता विभाग ने प्रक्रिया शुरू की और मंगलवार को आधिकारिक आदेश जारी कर दिया.

सहकारिता विभाग ने जारी किया आदेश

सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार राजीव कजोत द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि किंग एडवर्ड सप्तम मेमोरियल (रेस्ट हाउस) सोसायटी का रजिस्ट्रेशन 16 सितंबर 1975 को राजस्थान सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1958 के तहत किया गया था. अब इसका नाम बदलकर महर्षि दयानन्द विश्रान्ति गृह संस्थान, अजमेर कर दिया गया है.

गुलामी के प्रतीकों से मुक्ति की पहल

देवनानी ने कहा कि किंग एडवर्ड मेमोरियल को गुलामी के प्रतीक के रूप में देखा जाता रहा है. अजमेर के विभिन्न संगठनों, प्रबुद्धजनों और सामाजिक संस्थाओं ने इसका नाम बदलने की मांग की थी. इस क्रम में पहले राजस्थान पर्यटन विकास निगम के होटल खादिम का नाम बदलकर होटल अजयमेरू किया गया था. साथ ही, फॉयसागर झील का नाम बदलकर वरुण सागर किए जाने की भी घोषणा की गई थी.

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