
Rajasthan News: राजस्थान में अजमेर के जवाहरलाल नेहरू चिकित्सालय के ईएनटी विभाग ने एक मुश्किल मामले में कमाल कर दिखाया. एक मरीज की भोजन नली में फंसे कृत्रिम दांत (डेंचर) को विशेषज्ञ डॉक्टरों ने कठोर इसोफैगॉस्कोपी की मदद से सुरक्षित निकाल लिया. मरीज की जान पर बन आई थी. लेकिन डॉक्टरों की मेहनत और अनुभव से उसकी जिंदगी बच गई.
जानें कैसे फंसा डेंचर और क्या थी समस्या
मरीज के अनुसार, दवा लेते समय गलती से 7 सेंटीमीटर लंबा और 3 सेंटीमीटर चौड़ा डेंचर निगल लिया. पहले उसे एक अन्य अस्पताल में ले जाया गया, जहां डेंचर निकालने की कोशिश नाकाम रही. इसके बाद मरीज को ज.ला.ने. चिकित्सालय भेजा गया. यहां ईएनटी विभाग ने तुरंत जांच शुरू की और ऑपरेशन का फैसला लिया.
25 मिनट का नाजुक ऑपरेशन
डॉ. योगेश आसेरी की अगुवाई में डॉ. राजकुमार भाटी और उनकी टीम ने 25 मिनट के ऑपरेशन में डेंचर को सावधानी से निकाला. मरीज को बेहोश करने के लिए सामान्य एनेस्थीसिया दिया गया. ऑपरेशन के बाद मरीज की हालत स्थिर रही और उसे स्वस्थ होने पर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.
जोखिम के बारे में पहले दी जानकारी
डॉ. योगेश आसेरी ने बताया कि ऑपरेशन जोखिम भरा था. मरीज को पहले ही सारी जानकारी दे दी गई थी. उनकी सहमति के बाद अनुभवी टीम ने धैर्य के साथ यह जटिल काम पूरा किया. पहले असफल प्रयास के कारण चुनौती और बढ़ गई थी. लेकिन टीम ने बिना किसी परेशानी के मरीज को राहत दी.
अस्पताल में है उन्नत तकनीक
प्राचार्य डॉ. अनिल सामरिया और अधीक्षक डॉ. अरविंद खरे ने कहा कि ज.ला.ने. चिकित्सालय आधुनिक तकनीक और अनुभवी डॉक्टरों के साथ जटिल मामलों को हल करने में सक्षम है. यह ऑपरेशन मुख्यमंत्री आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त किया गया. ऑपरेशन में डॉ. अजय गुप्ता. डॉ. मनोज थुंगी. डॉ. तरुण. डॉ. नैमिचंद. डॉ. पूजा माथुर. डॉ. दीपिका मीणा. डॉ. नमन और डॉ. मेधा ने अहम भूमिका निभाई है.
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