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अजमेर लोकसभा सीट पर होगा चौधरी vs चौधरी का मुकाबला, यहां जनता हर बार बदलती है विकल्प

अजमेर की जनता भी काफी दिलचस्प है क्योंकि यहां जनता हर बार अपना विकल्प बदल देती है. यानी एक बार कांग्रेस तो एक बार बीजेपी उम्मीदवार के जीतने की परंपरा चली आ रही है. 

अजमेर लोकसभा सीट पर होगा चौधरी vs चौधरी का मुकाबला, यहां जनता हर बार बदलती है विकल्प
रामचंद्र चौधरी और भागीरथ चौधरी

Ajmer Lok Sabha Seat: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए राजस्थान में कांग्रेस ने फिर से चार सीटों पर उम्मीदवार की घोषणा की है. इसमें अजमेर सीट पर भी कांग्रेस ने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. कांग्रेस ने इस सीट पर रामचंद्र चौधरी को टिकट देकर यहां मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है. क्योंकि बीजेपी ने यहां से दूसरी बार भागीरथ चौधरी को टिकट दिया है. जिससे अजमेर सीट पर अब चौधरी vs चौधरी का मुकाबला हो गया है. वहीं अजमेर की जनता भी काफी दिलचस्प है क्योंकि यहां जनता हर बार अपना विकल्प बदल देती है. यानी एक बार कांग्रेस तो एक बार बीजेपी उम्मीदवार के जीतने की परंपरा चली आ रही है. 

अजमेर संसदीय सीट पर लोकसभा चुनाव का मुकाबला जाट समाज के  कद्दावर नेताओं के बीच दिलचस्प और रोमांचक रहेगा. क्योंकि भारतीय जनता पार्टी के भागीरथ चौधरी अजमेर के पूर्व सांसद की टक्कर होगी 45 साल से छह बार अजमेर सरस डेयरी के अध्यक्ष रहे और कांग्रेस के दिग्गज नेता रामचंद्र चौधरी से. अजमेर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव के प्रत्याशी के रूप में ताल ठोक कर दोनों एक दूसरे के सामने खड़े हैं.

अजमेर की जनता की है अनोखी परंपरा

अजमेर की जनता हर बार लोकसभा चुनाव में यहां एक अनोखी परंपरा निभा रही है. साल 1996 के बाद से यहां हर बार के चुनाव में जनता अपना विकल्प बदल देती है. यानी एक बार बीजेपी प्रत्याशी की जीत होती है तो उसके बाद कांग्रेस प्रत्याशी की जीत होती है. पिछली बार यहां बीजेपी के भागीरथ चौधरी की जीत हुई थी. ऐसे में इस बार कांग्रेस प्रत्याशी की जीत परंपरा के मुताबिक संभव है. 1989 से 1996 तक यहां रासा सिंह रावत तीन बार लगातार बीजेपी को जीताया था. लेकिन इसके बाद 1998 में कांग्रेस की प्रभा ठाकुर ने जीत हासिल की थी. 1999-2004 में एक बार फिर बीजेपी रासा सिंह ने जीत हासिल की. 2009 में इस सीट पर कांग्रेस के सचिन पायलट ने जीत हासिल की. जबकि 2014 में बीजेपी के सांवर लाल जाट ने जीत हासिल की. वहीं 2018 के उपचुनाव में कांग्रेस के रघु शर्मा जीते. फिर 2019 में भागीरथ चौधरी ने जीत हासिल की. ऐसे में अजमेर न तो बीजेपी का गढ़ है और न ही कांग्रेस का गढ़ है.

जनता हर बार यहां सांसद के कामकाज की समीक्षा करती है. जो इस बार भी शुरू हो चुका है. यानी भागीरथ चौधरी ने अजमेर जिले को क्या दिया और क्या नहीं दिया इस पर उनकी जीत तय होगी. अगर भागीरथ चौधरी का काम जनता के सामने खड़ा नहीं उतरा तो उनकी हार निश्चित है. जिससे रामचंद्र चौधरी की जीत पक्की हो जाएगी. वहीं रामचंद्र चौधरी काफी लोकप्रिय हैं. 

आपको बात दें, भागीरथ चौधरी विधानसभा चुनाव 2023 में मैदान में उतरे थे. लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इतना ही नहीं वह तीसरे स्थान पर आए थे.

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