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Rajasthan Politics: आखिर किस नेता को राजनीति से बाहर करना चाहते हैं नरेश मीणा? खुद बताया पूरा प्लान

Naresh Meena's Big Statement: नरेश मीणा का यह बयान अंता उपचुनाव की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है. अब देखना यह है कि क्या वे चुनाव लड़ते हैं और उनके आरोपों पर कांग्रेस की क्या प्रतिक्रिया होती है.

Rajasthan Politics: आखिर किस नेता को राजनीति से बाहर करना चाहते हैं नरेश मीणा? खुद बताया पूरा प्लान
अंता उपचुनाव पर नरेश मीणा का बड़ा बयान: '200% चुनाव लड़ूंगा, मकसद प्रमोद जैन को हराना'

Rajasthan News: राजस्थान में अंता विधानसभा उपचुनाव (Anta By-election) की घोषणा के बाद से राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं. इस बीच, निर्दलीय नेता नरेश मीणा (Naresh Meena) ने एक बड़ा बयान दिया है. बुधवार को झुंझुनू के दौरे पर आए नरेश मीणा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अंता उपचुनाव लड़ने का उनका मन '200 प्रतिशत' है और उनका मुख्य मकसद कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया (Pramod Jain Bhaya) को हराना है.

'प्रमोद भाया को राजनीति से बाहर करना है'

नरेश मीणा ने साफ तौर पर कहा कि वे परिस्थितियां देखकर अंतिम फैसला लेंगे, लेकिन उनका प्राथमिक लक्ष्य प्रमोद जैन भाया को हराना और उन्हें राजनीति से दूर करना है. मीणा ने आरोप लगाया कि प्रमोद जैन भू-माफिया और भ्रष्टाचार में लिप्त नेता हैं. उन्होंने कहा, 'जब तक ऐसे लोग राजनीति में रहेंगे, तब तक जनता के हक पर कुठाराघात होता रहेगा. भ्रष्टाचारियों को राजनीति से बाहर करना ही मेरा मकसद है.'

'मेरी गिरफ्तारी के पीछे राजनीतिक साजिश'

हाल ही में अपनी गिरफ्तारी को लेकर भी नरेश मीणा ने कहा कि यह उनकी आवाज दबाने के लिए एक राजनीतिक षड्यंत्र था. उन्होंने कहा, 'उन्हें लगा कि 8 महीने जेल में रहने के बाद नरेश मीणा टूट जाएगा, लेकिन मैं बाहर आकर जनता की आवाज बन गया. यही वजह थी कि मुझे दोबारा जेल में डाला गया.' मीणा ने झालावाड़ की घटना को संस्थागत भ्रष्टाचार का नतीजा बताया और आरोप लगाया कि वहां बच्चों की बलि दी गई.

'तीसरे मोर्चे से आएगी नई ऊर्जा'

नरेश मीणा ने राजस्थान की दो-दलीय राजनीति पर भी बात की. उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था में अच्छे लोगों को राजनीति में मौका नहीं मिल पाता. उन्होंने तीसरे मोर्चे की वकालत करते हुए कहा कि अगर यह बनता है तो राजनीति में नई ऊर्जा आएगी. मीणा ने कहा, 'जब तक ईमानदार और अच्छे लोग राजनीति में नहीं आएंगे, तब तक व्यवस्थाएं नहीं सुधरेंगी.'

'एसआई भर्ती मामले में दोनों पक्ष पीड़ित'

एसआई भर्ती मामले पर उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर दोनों पक्ष पीड़ित हैं, इसलिए जो भी फैसला न्यायालय देगा, वह सभी को मान्य होगा.

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