विधायक निधि भ्रष्टाचार के मामले में स्टिंग सामने आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की. उन्होंने कहा कि विधायकों द्वारा 'विधायक निधि' जारी करने के बदले रिश्वत/कमीशन लेने संबंधी प्रकाशित खबर अत्यंत गंभीर और चिंताजनक है. गहलोत ने कहा, "मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को तत्काल इस मामले का संज्ञान लेते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच करवानी चाहिए. जनप्रतिनिधियों के लिए सार्वजनिक जीवन में शुचिता और ईमानदारी सर्वोपरि होनी चाहिए." दैनिक भास्कर द्वारा स्टिंग कर विधायक निधि में भ्रष्टाचार के मामले का खुलासा हुआ. इस खबर को दिखाते हुए भाजपा विधायक रेवंतराम डांगा, हिंडौन से कांग्रेस की अनीता जाटव और बयाना (भरतपुर) से निर्दलीय विधायक ऋतु बनावत का स्टिंग किया गया. अब इस मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और राज्य सरकार में यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने भी प्रतिक्रिया दी.
शेखावत बोले- लोकतंत्र में सुचिता जरूरी
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत जोधपुर प्रवास पर पहुंचे. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने विधायकों के मामले पर कार्रवाई की मांग की. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सुचिता बनाए रखना आवश्यक है. अगर किसी ने ऐसी हरकत की है तो निश्चित रूप से कार्रवाई होनी चाहिए. उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि जल्द ही इस मामले को लेकर हमारी पार्टी संज्ञान लेगी और कार्रवाई की जाएगी.
दोषी के खिलाफ होगी कार्रवाई- खर्रा
विधायकों के पैसे लेने के मामले को यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि पूर्व में भी विधानसभा में सवाल पूछने के लिए रिश्वत लेने का मामला सामने आया था. विधानसभा में सदाचार समिति बनी हुई है वह इस मामले में संज्ञान लेकर इसकी गहनता से जांच करेगी और जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी.
(NDTV स्वतंत्र रूप से दैनिक भास्कर के स्टिंग ऑपरेशन की सत्यता की तथ्यात्मक होने की पुष्टि नहीं करता)
यह भी पढ़ेंः तीन विधायकों के स्टिंग के बाद सीएम सख्त, बोले- जनता की गाढ़ी कमाई का एक भी पैसा खाने नहीं देंगे