Rajasthan Politics: राजस्थान में 9 जिले और तीन संभाग को खत्म करने पर राजनीतिक बयानबाजी जारी है. कांग्रेस पार्टी लगातार भजनलाल सरकार पर नए जिले को खत्म करने को लेकर हमलावर है. अशोक गहलोत हर दिन बीजेपी सरकार को इस फैसले के लिए आड़े हाथ ले रहे हैं. मंगलवार को निकम्मी सरकार करार देने के बाद बुधवार को एक बार फिर से पूर्व सीएम ने राजस्थान की बीजेपी सरकार पर हमला बोला है.
'जनकल्याण में खर्चे नहीं देखते'
मीडिया से बातचीत में पूर्व सीएम गहलोत ने कहा कि एक साल बीत गया है और कोई याद रखने लायक कोई उपलब्धि नहीं है. 9 जिले और तीन संभाग के निरस्त होने से कितने लोगों को तकलीफ होगी, वे कल्पना नहीं कर सकते हैं. लोग कैसे इतनी दूरी अपनी शिकायत लेकर आएंगे-जाएंगे. लोगों को कितनी तकलीफ होगी. ये जो खर्चे का अनुमान लगा रहे हैं. लोकतंत्र में सरकार जनकल्याण के लिए होती है. जनकल्याण कैसे करें, उसमें खर्चे नहीं देखे जाते हैं.
#WATCH जयपुर, राजस्थान: राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, "... एक साल बीत(राजस्थान में भाजपा सरकार सत्ता में आए) चुका है और तब से कोई उल्लेखनीय काम नहीं हुआ है... सरकार लोगों के कल्याण के लिए होती है... जयपुर मेट्रो को घाटे का सौदा कहा जाता था और आज यह सभी की सेवा कर… pic.twitter.com/QVo9sxna8q
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 1, 2025
'जयपुर मेट्रो को कहा जाता घाटे का सौदा'
गहलोत ने आगे कहा कि लोगों की सुविधा के लिए खर्चे नहीं देखे जाते हैं, लोगों को परेशान न हो, वक्त पर न्याय सुनिश्चित हो ये देखा जाता है. जयपुर मेट्रो चली और सरकार बदल गई तो कहा गया कि पैसा बर्बाद कर दिया. जरूरत तो नहीं थी मेट्रो. जयपुर मेट्रो को घाटे का सौदा कहा जाता था. मैंने तब भी कहा था कि दुनियाभर के अंदर जो मेट्रो चलती है वो घाटे का सौदा ही होती है. सरकार का जो कर्तव्य है लोगों के प्रति, उसे पूरा करे.
इससे पहले अशोक गहलोत ने कहा कि एक साल में इनकी उपलब्धि क्या है? यह बताते ही नहीं है. इनकी चाल है. इस बहस में सब उलझे रहें कि जिले समाप्त कर दिए. 9 जिलों को समाप्त करने के सिवाय तो कोई काम किया नहीं है. इनको कोई पूछे कि आपकी उपलब्धि क्या है. ये जिले खत्म करने को उपलब्धि बताएंगे.''
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