Rajasthan Politics: राजस्थान की भजनलाल सरकार ने 9 नए जिले और तीन संभाग को खत्म कर दिया है. सरकार के इस फैसले के बाद से राज्य के अलग-अलग हिस्से में लोगों को विरोध प्रदर्शन जारी है. मंगलवार को लगातार तीसरे दिन अनूपगढ़ और नीमकाथाना में लोगों का प्रदर्शन देखने को मिला. एक जिले एक जिले में प्रदर्शनकारियों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है, जबकि एक अन्य जिले में प्रदर्शनकारियों ने अनिश्चितकालीन बंद का ऐलान किया. इसके अलावा जिला परिषद अध्यक्ष और पंचायत समिति अध्यक्ष सहित स्थानीय नेताओं ने एकजुटता दिखाते हुए इस्तीफा दे दिया है.
नीमकाथाना में भूख हड़ताल
जिले खत्म करने पर भजनलाल सरकार के खिलाफ राजस्थान के सांचौर, नीमकाथाना और अनूपगढ़ में सबसे ज्यादा विरोध देखने को मिल रहा है. नीमकाथाना में लोगों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम कलेक्टर शरद मेहरा को ज्ञापन देकर नीमकाथाना जिले को बरकरार रखने की मांग की गई. इसके अलावा अब मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने भूख हड़ताल शुरू कर दी. जबकि अनूपगढ़ में अनिश्चितकालीन बंद का आह्वान किया गया है.
नीम का थाना में जिला बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले प्रदर्शनकारियों ने जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर धरना दिया और टायर जलाकर नीम का थाना को जिले का दर्जा बहाल करने की मांग की गई. इस मांग के समर्थन में जिला परिषद अध्यक्ष और पंचायत समिति अध्यक्ष सहित स्थानीय नेताओं ने एकजुटता दिखाते हुए इस्तीफा दे दिया है.
अनूपगढ़ में बंद रहे बाजार
अनूपगढ़ में स्थानीय बाजार पूरी तरह बंद रहे. पेट्रोल पंप भी सीमित समय के लिए खुले. किसानों और व्यापारियों ने सभी गतिविधियां बंद रख कर विरोध प्रदर्शन किया. अनूपगढ़ जिला बचाओ संघर्ष समिति के नेता सुरेश बिश्नोई ने कहा कि हम एकजुट हैं, क्योंकि यह हमारे भविष्य की लड़ाई है. जब तक सरकार जिले का दर्जा नहीं देती, हम विरोध जारी रखेंगे. पूर्व मंत्री सुखराम बिश्नोई ने सांचौर में विरोध प्रदर्शन करते हुए स्थानीय विधायक जीवाराम चौधरी पर इस मुद्दे को नहीं उठाने का आरोप लगाया.
सुखराम बिश्नोई ने कहा कि अगर भरतपुर से केवल 35 किलोमीटर दूर स्थित डीग का जिला का दर्जा बरकरार रखा जा सकता है, तो जालोर से 180 किलोमीटर दूर स्थित सांचौर का भी जिला का दर्जा बरकरार रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर हम अभी आवाज नहीं उठाते हैं तो आने वाली पीढ़ियां हमें लापरवाह समझेंगी, लेकिन अगर हम सफल होते हैं तो वे हमें अपने अधिकारों के रक्षक के रूप में याद रखेंगे.
पाली संभाग खत्म होने पर विरोध-प्रदर्शन
पाली में भी संभागीय दर्जा खत्म किए जाने के बाद विरोध प्रदर्शन हुए. पाली संभाग बचाओ संघर्ष समिति के मघराज सोनी के नेतृत्व में अधिवक्ता अदालत के बाहर इकट्ठा हुए. मघराज सोना ने कहा कि गहलोत सरकार के फैसले से हमें उम्मीद जगी थी कि पाली नए अवसरों के साथ एक प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित होगा. शीर्ष अधिकारियों के लिए कार्यालय पहले ही स्थापित किए जा चुके थे. हमारा संभागीय दर्जा खत्म करने से वह प्रगति रुक गई है. हम न्याय मिलने तक लड़ेंगे.
राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में नौ जिलों अनूपगढ़, दूदू, गंगापुर सिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, केकड़ी, नीम का थाना, सांचौर और शाहपुरा को समाप्त करने का फैसला लिया गया. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिलों को निरस्त करने के भाजपा सरकार के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. गहलोत ने रविवार को कहा था कि यह फैसला राजस्थान के हित में नहीं लिया गया है और दीर्घावधि के लिहाज से भी उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश राजस्थान से छोटा राज्य है, लेकिन उसके पास 53 जिले हैं जबकि राजस्थान में अब केवल 41 जिले हैं.
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