
Rajasthan Politics: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार (30 जुलाई) को कहा कि ध्रुवीकरण की राजनीति देशहित में नहीं है. बीकानेर में उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, “देश किस दिशा में जा रहा है किसी को नहीं मालूम, किस दिशा में जाएगा, कोई नहीं जानता... क्योंकि जिस प्रकार से राजनीति ध्रुवीकरण की हुई है ये थोड़े समय में तो अच्छी लग सकती है पर दीर्घकाल में देश हित में नहीं है.'
गहलोत ने कहा कि भारत बहुत बड़ा मुल्क है जहां हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, फारसी व जैन सब रहते हैं और यहां अलग अलग भाषाएं हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नीतियों ने, कार्यक्रमों ने, संविधान की मूल भावना ने इस देश को एकजुट और अखंड रखा. पूर्व मुख्यमंत्री ने देश के विकास में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के योगदान और इंदिरा गांधी व राजीव गांधी के बलिदान का जिक्र करते हुए कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इनका कभी नाम नहीं लेते.
वसुंधरा और भजनलाल के दिल्ली दौरे पर गहलोत ने दिया जवाब
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा तथा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की हालिया दिल्ली यात्रा संबंधी सवाल को गहलोत ने यह कहते हुए टाल दिया किया “यह पार्टी भाजपा के अंदरूनी मामले हैं और जबसे (उपराष्ट्रपति जगदीप) धनखड़ से जुड़ा मामला हुआ है तब से सरकार खुद का बचाव करने में जुट गई है.”
उन्होंने कहा कि धनखड़ ने “खुद इस्तीफा दिया या इस्तीफा दिलवाया गया ये तमाम बातें रहस्य बनी हुई हैं.”
छात्र संघ चुनाव का समर्थन
अशोक गहलोत ने राज्य में महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव फिर शुरू कराए जाने की मांग का समर्थन किया.
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने संसद में ‘ऑपरेशन सिंदूर' पर गृह मंत्री अमित शाह के भाषण की आलोचना की और कहा कि पहलगाम आतंकवादी हमले में मारे गए भारतीयों को ‘हिंदू' कहना गलत था. रंधावा ने संसद में शाह के संबोधन के बारे में पत्रकारों से कहा कि गृह मंत्री का भाषण कांग्रेस पार्टी पर दोष मढ़ने पर ही अधिक केंद्रित रहा.
उन्होंने कहा, “भाजपा यह दर्शाना चाहती है कि 2014 में सत्ता में आने के बाद ही भारत को आजादी मिली. मैं (प्रधानमंत्री नरेन्द्र) मोदी और (गृह मंत्री) अमित शाह को बताना चाहता हूं कि हमें उनसे देशभक्ति का प्रमाणपत्र नहीं चाहिए. पूरी दुनिया और पूरा हिंदुस्तान जानता है कि कांग्रेस ने कैसे देश को आजाद करवाया और कुर्बानियां दीं.”
रंधावा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा मध्यस्थता के दावों को लेकर पूछे गये सवालों का जिक्र किया.
उन्होंने कहा, “गृह मंत्री और रक्षा मंत्री ने लंबे-लंबे भाषण दिए, लेकिन वे अमेरिका की आलोचना करने में नाकाम रहे, जबकि ट्रंप बार-बार दावा करते रहे कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम में मदद की.”
यह भी पढ़ेंः SOG कर रही है तमाशा... मेवाड़ यूनिवर्सिटी में फर्जी डिग्री का खेल देखकर जांच अधूरी छोड़ गए- किरोड़ी लाल मीणा