
Rajasthan News: अजमेर के बोराज तालाब की पाल टूटने से स्वास्तिक नगर में मचे हाहाकार ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है. जहां एक ओर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मौके पर पहुंचकर पीड़ितों से सीधी बातचीत की और राज्य सरकार से स्पेशल पैकेज की मांग उठाई. वहीं विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने गहलोत पर पलटवार करते हुए खुद की सक्रियता और भाजपा की राहत कार्यों का हवाला दिया.
'हर घर में तकलीफ हो गई'
अशोक गहलोत ने कहा कि “यह स्पेशल केस है, हर घर में तकलीफ हो गई है. लाखों का नुकसान हुआ है. सरकार को तुरंत डेलिगेशन भेजकर सर्वे कराना चाहिए और पीड़ितों के लिए विशेष पैकेज देना चाहिए. उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के माध्यम से भोजन पैकेट भिजवाने की बात भी कही और बिजली बहाल करने व तालाब की पाल को तुरंत दुरुस्त करने की मांग उठाई. भाजपा नेताओं की गैर-मौजूदगी पर तंज कसते हुए गहलोत ने कहा कि अगर नहीं आए तो मैं क्या कर सकता हूं.
विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने गहलोत के आरोपों पर करारा जवाब दिया. उन्होंने कहा कि गहलोत के अजमेर आने से पहले उनका खुद गहलोत से फोन पर संवाद हुआ था. देवनानी ने दावा किया कि मैंने शुक्रवार को दो घंटे पैदल चलकर प्रभावित परिवारों से मुलाकात की, प्रशासन ने सर्वे कर प्रस्ताव भेज दिए हैं. भाजपा कार्यकर्ता और कई संस्थाएं घर-घर जाकर भोजन बांट रहे हैं.
'पीड़ितों के रहने खाने की व्यवस्था'
उन्होंने यह भी बताया कि प्रशासन ने दो स्कूलों में पीड़ित परिवारों के रहने-खाने की व्यवस्था की है, वहीं नजदीकी गुरुद्वारे ने भी मदद का हाथ बढ़ाया है. गहलोत के कार से उतरने और पीड़ितों से सीधे मिलने के सवाल पर देवनानी ने चुटकी लेते हुए कहा, "कोई जनप्रतिनिधि पानी में उतरे, लोगों के साथ घूमे, तभी असली समस्या समझ में आती है. दूसरों पर टिप्पणी करने की जरूरत नहीं है."
इसके साथ ही उन्होंने जिला प्रशासन को तालाब की पाल की मरम्मत और शहर में बंद पड़े नलों को खुलवाने के निर्देश दिए.
कुल मिलाकर, स्वास्तिक नगर की त्रासदी अब कांग्रेस और भाजपा नेताओं के बीच राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का नया मुद्दा बन चुकी है. पीड़ितों की मदद और राहत कार्यों के बीच सियासी जंग और तेज होती दिख रही है.
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