
अलवर में एक अलग ही मामला सामने आया है. रेप का मामला दर्ज करवाने वाली महिला को ही कोर्ट ने दोषी करार दिया है, जिसमें पॉक्सो कोर्ट नंबर-4 ने महिला को 20 साल की सजा सुनाई है. मजबूरी में उसके 9 महीने के बेटे को भी उसके कारण जेल जाना पड़ेगा. महिला ने आरोप लगाया था कि रिश्ते में लगने वाले भतीजे ने उसके साथ रेप किया था. पुलिस जांच में मामला उल्टा निकला.
भतीजे को बुलाती थी घर
महिला ही घरवालों के बाहर जाने पर नाबालिग भतीजे को घर बुलाती थी. इसके बाद उसके साथ अवैध संबंध बनाती थी. जज हिमांकनी गौड़ ने फैसला सुनाते हुए कहा, "चाची का दर्जा मां समान होता है. ऐसा कृत्य शर्मसार करने वाला है." सरकारी वकील प्रशांत यादव ने बताया कि तिजारा थाना क्षेत्र के एक गांव की महिला ने 11 अगस्त 2024 को रिश्ते में लगने वाले नाबालिग भतीजे पर रेप का मामला दर्ज करवाया था.
दोनों की कॉल रिकॉर्डिंग निकलवाई
FIR में बताया था कि भतीजा 6 महीने पहले से रेप करता आ रहा था. महिला का आरोप था कि उसका भतीजा फोटो-वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करने की धमकी देता था. पुलिस ने जांच करते हुए दोनों की कॉल रिकॉर्डिंग निकलवाई. दोनों के बीच करीब 6 महीने में 832 बार मोबाइल पर बात हुई थी. इस पर पुलिस को मामला संदिग्ध लगा, जिस समय रेप करने का जिक्र किया. उस समय भतीजा नाबालिग था. जांच में सामने आया कि महिला से रेप नहीं किया गया. घरवालों के बाहर जाने पर महिला ही भतीजे को अपने घर बुलाती थी.
केस के समय महिला गर्भवती थी
पुलिस ने सारे सबूत कोर्ट में पेश किए. गवाह और सबूत मिलने पर कोर्ट ने महिला को दोषी मानते हुए 20 साल की जेल की सजा सुना दी. मुकदमे के समय महिला गर्भवती थी. उसको बेटा हुआ, वह अब 9 महीने का है. आरोपी महिला ने बेटे को अपने साथ जेल ले जाने की अर्जी कोर्ट में दी. बच्चा छोटा होने के कारण कोर्ट ने मां की अर्जी मंजूर कर ली.
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