Rajasthan News: ताजा भोजन शरीर का सबसे बड़ा औषधि है. लेकिन आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में सुबह का बना खाना शाम को और शाम का खाना रात को गर्म करके खाना आम बात हो गई है. आयुर्वेद इसे सेहत के लिए खतरनाक मानता है. आइए जानते हैं क्यों.
ताजा भोजन ही है असली जीवन शक्ति
आयुर्वेद के अनुसार भोजन का सबसे बड़ा गुण है उसकी तात्कालिकता यानी ताजगी. जैसे ही खाना बनकर ठंडा होता है और उसे दोबारा गर्म किया जाता है. उसका रस. स्वाद. प्राण ऊर्जा और गर्माहट बदल जाती है. ऐसा खाना शरीर को पचाने में भारी पड़ता है और जठराग्नि कमजोर हो जाती है.
इन समस्याओं को देता है न्योता
बार-बार गर्म किया खाना खाने से पेट में भारीपन. गैस. अपच. सुस्ती और थकान जैसी शिकायतें शुरू हो जाती हैं. लंबे समय तक ऐसा करने से शरीर में जड़ता बढ़ती है. कोशिकाएं कम पोषण पाती हैं. बाल बेजान और त्वचा बेजान हो जाती है. धीरे-धीरे यह बीमारियों का घर बनने लगता है. आयुर्वेद इसे “प्राणहीन भोजन” कहता है.
कौन से खाने को बिल्कुल न गर्म करें
पालक. मेथी. चुकंदर. चावल. अंडा. मीट और तली हुई चीजों को एक बार हल्की आंच पर गुनगुना कर लिया जा सकता है. लेकिन दाल. रोटी. खिचड़ी और बिना पत्ते वाली सब्जियों को दोबारा गर्म करने से सख्त परहेज करें.रात का बचा खाना सुबह कभी न खाएंआयुर्वेद कहता है कि भोजन में प्राण शक्ति सिर्फ 6 घंटे तक रहती है. इसलिए रात का बना खाना सुबह खाना सेहत के लिए हानिकारक है.
जानें आसान उपाय
जितना खाना है. उतना ही बनाएं. इसके बाद बचा हुआ खाना धीमी आंच पर सिर्फ गुनगुना करें. दाल-सब्जी में थोड़ा गर्म पानी मिलाकर गर्म करें. सर्दी में भी कोशिश करें ताजा भोजन ही खाएं.
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