Banswara News: जनजाति जिले बांसवाड़ा में स्वास्थ्य व्यवस्था के हालात बेहद खराब है. दूसरी तरफ, जिले में 83 फीसदी लैबोरेट्री फर्जी तौर पर संचालित हो रही है. इन लैब में मरीजों (Patient) से जांच के नाम पर लूट की जा रही है. यह पूरा खुलासा मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा किए गए औचक निरीक्षण में सामने आया है. विभागीय सूत्रों की मानें तो जिले में करीब 30 लैब का ही पंजीयन है. जबकि, जिले में 178 लैब संचालित है. इन लैब में हर दिन हजारों मरीजों की जांच होती है. साफ तौर पर स्वास्थ्य विभाग की नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए ये लैब संचालक आमजन की सेहत से भी खिलवाड़ कर रहे हैं.
विभाग नहीं दिखा रहा सख्ती, लैब संचालक भी कर रहे मनमानी
जबकि कई लैब संचालक तो रजिस्ट्रेशन होने के बावजूद उसे रिन्यू ही नहीं करा रहे हैं और कई ने तो आवेदन की प्रक्रिया भी नहीं की है. मेडिकल टेस्ट और गंभीर बीमारी का पता लगाने का दावा करने वाली इन लैब में गड़बड़झाले से मरीजों की परेशानी बढ़ना तय है.दरअसल, किसी भी लैब के संचालन के लिए चिकित्सक के प्रमाण पत्र की आवश्यकता जरूरी है.साथ ही लैब में चिकित्सक और टेक्नीशियन का होना जरूरी है.
मशीनें तो मौजूद, लेकिन जांच के लिए अन्य लैब में भेजते हैं सैंपल
बांसवाड़ा सीएमएचओ डॉ. एच एल ताबियार के मुताबिक कई लैब संचालक तो महज सैंपल कलेक्ट कर मनमानी कीमत वसूल रहे हैं. उनके पास दिखावे के लिए जांच के लिए मशीन उपलब्ध हैं, लेकिन यहां आने वाले सैंपल को उदयपुर या किसी अन्य लैब में भेजकर जांच करवाई जाती है. ये लैब संचालक साधारण मेडिकल टेस्ट के लिए भी मोटी फीस वसूल रहे हैं.
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