Ram Mandir Inauguration: करीब साढ़े पांच सौ साल पुराने राम मंदिर निर्माण का सपना जो मेरे पिताजी ने देखा था, वो पूरा होने जा रहा है. वह तो इस आंदोलन में शहीद हो गए, लेकिन मेरा सौभाग्य है कि इस ऐतिहासिक पल की साक्षी होने का गौरव मुझे प्राप्त हुआ है. इससे मेरा परिवार खुश है. यह कहना है राम मंदिर निर्माण आंदोलन में प्राणों की आहुति देने वाले बिहार के संजय कुमार सिंह की बेटी स्मृति चौधरी का, जो वर्तमान में राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में रह रही हैं.
मुजफ्फर जिले के कोटी साईन निवासी कारसेवक संजय कुमार सिंह को बेटी स्मृति चौधरी को अयोध्या तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने निमंत्रण भेजा है. स्मृति ने कहा कि इस पावन अवसर पर अगर मां जिंदा होतीं ती खुशी दौगुनी होती. मेरे पापा राम मंदिर का सपना लेकर पावन भूमि अयोध्या गए थे. कारसेवा के क्रम में तत्कालीन सरकार के आदेश पर गोली चली और वह शहीद हो गए. इसके बाद परिवार को बहुत परेशानी हुई. किंतु अब रामलला विराजमान हो रहे हैं. इससे खुशी है.
18 जनवरी को अयोध्या जाने की तैयारी
बेटी स्मृति चौधरी ने बताया कि पहली कारसेवा 30 अक्टूबर 1990 और दूसरी कार सेवा 20 नवंबर 1990 को हुई थी. दूसरी कारसेवा के समय 5000 कार सेवकों का जत्था मंदिर की ओर बढ़ रहा था. हनुमान गढ़ी के पास पुलिस ने गोली चला दी. उस घटना में कई लोग शहीद हो गए थे, जिनमें उनके पिता संजय कुमार भी शामिल थे. फिलहाल वह राजस्थान के बांसवाड़ा में अपने पति डॉक्टर रितेश चौधरी के साथ रहती हैं, और वह सड़क मार्ग से 18 जनवरी को अयोध्या जाने की तैयारी कर रही हैं.
गांव में लगी प्रतिमा, मनेगा उत्सव
संजय सिंह दूसरी कारसेवा में शामिल हुए थे. उनके नाम पर शहीद कारसेवक संजय स्मृति ट्रस्ट बनया गया है. इसके अध्यक्ष व संजय सिंह के साथ कारसेवा में शामिल रहे भाजपा नेता डॉक्टर अरविंद कुमार सिंह कहते हैं कि संजय का बलिदान व्यर्थ नहीं गया. आज अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन रहा है. गांव में उनकी प्रतिमा लगी है. पार्क निर्माण का काम चल रहा है. राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद इसका भी लोकार्पण होगा. प्रतिमा निर्माण समिति के अध्यक्ष कोटी के पूर्व प्रमुख मुकेश पडिष ने नमन स्थल बनाने के लिए जमीन दान की है. 20 जनवरी को कार सेवा के बलिदानों के बारे के में युवाओं को जानकारी देने की व्यवस्था की जा रही है, जिससे उनके त्याग के बारे में नई पीढ़ी को पता हो. वे उनसे प्रेरणा लेकर समय व देश के लिए काम करने को खुद को तैयार कर सकें.
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