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This Article is From Apr 06, 2024

Rajasthan Politics: कांग्रेस की नियुक्ति में छिपा सुलह का सिग्नल, बाड़मेर में मुस्लिम-मेघवाल गठबंधन फिर जुड़ने के संकेत

कांग्रेस ने शुक्रवार को जैसलमेर में दो कार्यकारी जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की है. जिसमें एक सालेह मोहम्मद के भाई हैं और दुसरे रूपाराम धनदेव गुट से हैं. विधानसभा चुनाव के समय से चली आ रही रूपाराम धनदेव और फ़कीर परिवार के बीच जमी बर्फ अब पिघलती नजर आ रही है.

Rajasthan Politics: कांग्रेस की नियुक्ति में छिपा सुलह का सिग्नल, बाड़मेर में मुस्लिम-मेघवाल गठबंधन फिर जुड़ने के संकेत
राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा.
Twitter@GovindDotasra

Lok Sabha Elections 2024: राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा 3 अप्रैल को जारी एक नियुक्ति लेटर अब सामने आया है, जिसके बाद इस लेटर को सुलह का संकेत माना जा रहा है. यह लेटर है कांग्रेस के जैसलमेर में दो कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति का है. राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा के निर्देश पर संगठन महासचिव द्वारा जिला कांग्रेस कमेटी जैसलमेर में दो कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति की गई है. जिसके तहत पूर्व मंत्री सालेह मोहम्मद के भाई अमरदीन फकीर और जैसलमेर के पूर्व विधायक रूपाराम धनदेव गुट के जसवंत सिंह भाटी को यह दायित्व दिया गया है.

दोनों ही नेताओं में वर्चस्व की लड़ाई को खत्म कर अब कांग्रेस सुलह करवाने में लगी हुई है. ताकि मुस्लिम-मेघवाल गठबंधन जो कि कांग्रेस का इस सीट पर मुख्य आधार रहा है उसे एक बार फिर जोड़ा जा सके. रूपाराम धंदेव ने भी सोशल मीडिया पर नियुक्त को लेकर दोनो को ही बधाई दी है. 

मुस्लिम-मेघवाल आएगा कांग्रेस के साथ 

पश्चिमी राजस्थान में इन दिनों मौसम में बढ़ती गर्मी के बीच सियासी पारा भी चढ़ने लगा है. देश की दूसरी सबसे बड़ी संसदीय सीट बाड़मेर - जैसलमेर पर कांग्रेस अपना फोकस बनाए हुए है. राजस्थान में भाजपा का मिशन 25 रोकने की शुरुआत कांग्रेस इसी सीट से करना चाहती है. जिसके लिए कांग्रेस हर तरह के जतन कर रही है. उम्मीदवार चयन से लेकर नामांकन औरत अब इस क्षेत्र के नेताओं की आपसी गुटबाजी को खत्म कर सुलह करवाने तक के प्रयास किए जा रहे हैं. इन नेताओं की गुटबाजी के कारण ही पिछले विधानसभा चुनाव में इस क्षेत्र में केवल एक विधानसभा में कांग्रेस जीत सकी थी. खास बात यह यह कि जैसलमेर जिले की दोनों ही विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के परम्परागत वोटर्स ने ही कांग्रेस प्रत्याशियों से अपना हाथ खींच लिया था.

जसवंत सिंह भाटी और अमरदीन फकीर

जसवंत सिंह भाटी और अमरदीन फकीर
Photo Credit: NDTV Reporter

उम्मेदाराम को कांग्रेस में शामिल करना मास्टर स्ट्रोक

कांग्रेस प्रत्याशी उम्मेदाराम बेनीवाल RLP का प्रमुख चेहरों में से माने जाते थे. खासतौर पर सीमावर्ती जिले बाड़मेर में RLP को मजबूत करने में उनकी बड़ी अहम भूमिका रही है. पिछले दिनों कांग्रेस ने मास्टर स्ट्रोक खेलते हुए बेनीवाल को RLP से इस्तीफा दिलवाकर लोकसभा सीट पर अपना प्रत्याशी बनाया. 

कांग्रेस लगा रही पूरा जोर 

इतना ही नहीं बेनीवाल की नामांकन रैली में भी कांग्रेस ने अपना पूरा जोर लगाते हुए हजारों की तादाद में भीड़ को एकत्रित किया. उम्मेदाराम के नामांकन के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट, गोविंद सिंह डोटासरा समेत राजस्थान की पूरी कांग्रेस बाड़मेर में रही. क्यूंकि कांग्रेस यह सीट किसी कीमत पर हाथ से गंवाना नहीं चाहती.

रविंद्र भाटी लगाएंगे बीजेपी के वोटों में सेंध 

त्रिकोणीय मुकाबले में बेनीवाल को जाट होने का फायदा मिलेगा और मुस्लिम-मेघवाल गठबंधन एक बार फिर बनता है तो कांग्रेस को कहीं ना कहीं राहत जरूर मिलेगी. क्योंकि रविंद्र सिंह भाटी भाजपा के वोटो में सेंधमारी करेंगे,जिसका फायदा कांग्रेस को मिलेगा.अब देखना की बात तो यह होगी कि मुस्लिम-मेघवाल गठबंधन फिर जुड़ता है या यह वर्चस्व की लड़ाई लगातार जारी रहती है.

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