Rajasthan: जोधपुर में बहुचर्चित ब्यूटीशियन अनीता चौधरी की हत्या के 90 दिन बाद पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल कर दिया है. पुलिस ने 103, 309 और BNS की अन्य धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किया है. जांच अधिकारी सुनील के पवार के अनुसार आरोप पत्र में मुख्य आरोपी गुलामुद्दीन को ही माना गया है. साथ में गुलामुद्दीन की पत्नी आबिद को भी आरोपी बनाया गया है. इसके अलावा कोई और नाम शामिल नहीं किया. पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया कि गुलामुद्दीन ने लूट के इरादे से हत्या की थी. वह आदतन अपराधी प्रवृत्ति का है और पहले भी कई बार लूटपाट कर चुका है.
लूट के इरादे से अनीता को घर बुलाया
आरोप पत्र में बताया गया है कि गुलामुद्दीन ने लूट के इरादे से अनीता को अपने घर बुलाया था. उसके पास अधिक गहने नहीं थे. नशे की ओरवडोज की वजह से अनीता बेहोश हो गई. गुलामुद्दीन ने उसे धारदार हथियार से 6 टुकड़ों में काट दिया और शव को अपने ही घर के सामने गड्ढा खोदकर दफन कर दिया, जिससे इसका राज बाहर सामने नहीं आए. गुलामुद्दीन की पत्नी ने पुलिस के सामने पूरा राज फाश कर दिया.
आरोपी गुलामुद्दीन मुंबई फरार हो गया था
इसके बाद गुलामुद्दीन जोधपुर से मुंबई फरार हो गया था. पुलिस ने हत्या के 8 दिन बाद गुलामुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया. अनीता का परिवार भी लंबे समय तक आंदोलन करता रहा कि इस मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. परिवार सीबीआई से जांच कराने की मांग पर अड़ा रहा.
राज्य रकार ने सीबीआई जांच का भरोसा देकर 20 नवंबर को अनीता चौधरी के शव का अंतिम संस्कार कर दिया. परिवार ने सीबीआई जांच के लिए राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. राज्य सरकार ने भी सीबीआई जांच के लिए अनुशंसा कर दी है. इसी बीच अब घटना के 90 दिन पर पुलिस ने अपना आरोप पत्र दाखिल कर दिया है.
30 अक्टूबर को मिली थी अनीता की लाश
जोधपुर के गंगाणा में 30 अक्टूबर को अनीता चौधरी की लाश टुकड़ों में गुलामुद्दीन के घर में मिली थी. आरोपी गुलामुद्दीन महाराष्ट्र भाग गया था. 8 दिन बाद मुंबई से गिरफ्तार किया गया था. हत्याकांड सामने आने के बाद अनीता चौधरी परिजन धरने पर बैठ गए थे. 20 दिन बार तीन मांगों पर सहमति के बाद धरना समाप्त हुआ. ये तीन मांगें थीं - हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश, अनीता के बेटे को नौकरी और 51 लाख की आर्थिक सहायता.
ये भी पढ़ें-: CBI करेगी अनीता चौधरी मर्डर केस की जांच, 20 दिन बाद धरना समाप्त, परिवार को 51 लाख की आर्थिक सहायता