Rajasthan News: राजस्थान में भरतपुर लोकसभा सीट पर पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होना है. वहीं मतदान से ठीक पहले सीएम भजनलाल शर्मा ने बीजेपी प्रत्याशी को जीताने के लिए रामस्वरूप कोली के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. भरतपुर सीट भजनलाल शर्मा के लिए निजी तौर पर काफी अहम है क्योंकि यह उनका होम टाउन है. वहीं यहां बीजेपी प्रत्याशी रामस्वरूप कोली के सामने कांग्रेस की युवा प्रत्याशी संजना जाटव की चुनौती है. कुछ राजनीतिक जानकारों का मानना है कि संजना जाटव इस सीट पर रामस्वरूप कोली को जबरदस्त टक्कर देने वाली है. इस लिहाज से भजनलाल शर्मा ने भी रामस्वरूप कोली को जिताने के लिए जाट आरक्षण का कार्ड खेला है.
सीएम भजनलाल शर्मा ने भरतपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि भरतपुर में क्या-क्या करना है यह मुझे पता है. जाट आरक्षण की बात आई मैं कहना चाहता हूं कि कोई दिल्ली तक पहुंचा क्या. जाट आरक्षण के बारे में मुझे पता है, और मैं इसके बारे में सब जानता हूं. इसलिए राज्य सरकार ने इसकी तैयारी कर ली है. उन्होंने कहा कि जब जाट आरक्षण को लेकर मीटिंग हो रही थी. तब मैंने शैलेश जी को मीटिंग में भेजा. इसके बाद दिल्ली तक सारी बातें हुई.
केंद्र में बीजेपी की सरकार का दावा
भजनलाल शर्मा ने अपने भाषण में दावा किया कि केंद्र में बीजेपी की सरकार आने वाली है. वहीं राजस्थान में बीजेपी की सरकार है. ऐसे में जाट आरक्षण के लिए सारे काम किये जाएंगे. और हम अपनी बात ओबीसी आयोग के पास भी मजबूती से रखेंगे. हम जाट आरक्षण के लिए लगातार आयोग में अपनी बात रखेंगे. उन्होंने भरतपुर के जाट समाज को आरक्षण का वादा करते हुए कहा कि रामस्वरूप कोहली को सांसद बनाकर इन्हें भी जाट आरक्षण के काम में लगा देंगे.
जाट समाज ने बीजेपी को वोट देने से किया था इनकार
जाट आरक्षण को लेकर बात पूरी नहीं होने पर जाट समाज ने नाराजगी जाहिर की थी. उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर जाट आरक्षण पर हमें पूरा भरोसा नहीं दिया गया तो हम बीजेपी को वोट नहीं देंगे. ऐसे में नाराज जाट समाज को मनाने के लिए अब सीएम भजनलाल शर्मा ने खुद मोर्चा संभाला और जाट आरक्षण देने का वादा किया है.
हालांकि, जाट आरक्षण को लेकर जो दावे किये जा रहे हैं. उस पर सरकार की ओर से कोई कागज सामने नहीं आया है. लेकिन सीएम भजनलाल ने कहा है कि इसके लिए पूरी रिपोर्ट तैयार की जा रही है. देखना यह है कि सीएम भजनलाल की बात पर जाट समाज कितना भरोसा करते हैं. वहीं जाट आरक्षण कार्ड से संजना जाटव के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती है.
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