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भरतपुर में निवेश के नाम पर ठगी के बड़े गिरोह का भंडाफोड़, 4 आरोपी गिरफ्तार

जांच में पता चला कि कम्पनी फर्जी है और इसका जाल विभिन्न राज्यों और जिलों में फैला था. सोशल मीडिया के द्वारा कई अपराधी इसको प्रमोट कर रहे थे. इस कंपनी के लोगो से मोटी रकम नगद, क्रॉप्टो करेंसी, यूपीआई आदि माध्यमों से एकत्रित की गई है.

भरतपुर में निवेश के नाम पर ठगी के बड़े गिरोह का भंडाफोड़, 4 आरोपी गिरफ्तार

राजस्थान के भरतपुर में पुलिस ने एक बड़े साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़ किया है. गिरोह XPO नाम की वेबसाइट और मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से लोगों को निवेश के नाम पर ठग रहा था. पुलिस ने इस मामले में 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इस गिरोह का मास्टर माइंड अभी गिरफ्त से दूर है, लेकिन पुलिस का दावा है कि यह भी जल्द पुलिस की गिरफ्त में होगा. पकड़े गए आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर रही है. पूछताछ में पाया गया है कि सोशल मीडिया पर इसको प्रमोट किया जा रहा था. करोड़ों रुपए की इन लोगों के द्वारा ठगी की गई है. इन लोगों के द्वारा ऐसी करेंसी का स्टोर किया गया है जो भारत में प्रतिबंध है.

बोनस का देते लालच

पुलिस अधीक्षक दिगंत आनन्द ने बताया कि मथुरा गेट पर एसआई होतमसिंह ने 12 नवंबर को मुखबिर से जानकारी मिली कि XPO नामक वेबसाइट व मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से आम जनता को निवेश के नाम पर उच्च लाभ और बोनस का लालच देकर धनराशि एकत्र की जा रही है. एप्लिकेशन में लोगों को रेफर एंड अर्न, रोज़ाना/हफ्ते में ज्यादा ब्याज व सदस्य बढ़ाने पर इनाम जैसी योजनाओं में निवेश करने के लिए प्रेरित किया गया.

रजत शर्मा उर्फ राजेश कुमार, ईश्वर वर्मा, मगलेश कुमार शर्मा सुरेन्द्र सैनी, शाहरुख खान, सुरेन्द्र बरवार, अतुल शर्मा, नरेन्द्र डागुर, सोनू उर्फ मनोज कुमार शर्मा और इनके अन्य साथियों द्वारा यह स्कीम लोगों को जल्दी ज्यादा पैसे कमाने का साधन बिना किसी जोखिम के बताती है. जो सोशल मीडिया पर भी प्रचार प्रसार भी एक संगठित गिरोह के माध्यम से किया जा रहा है.

कही रजिस्टर्ड नहीं XPO एप्लिकेशन

शुरुआती जांच में पता चला कि यह एप्लिकेशन न तो भारत में किसी भी सक्षम प्राधिकरण के अंतर्गत रजिस्टर्ड है और न ही किसी विनियमित जमा योजना (Regulated Deposit Scheme) के तहत कार्यरत है. यह एप्लिकेशन अनियमित जमा योजना (Unregulated Deposit Scheme) के अंतर्गत जनता से धन संग्रह कर रही है और धोखाधड़ी कर राशि हड़प रही है. मामला संज्ञान में आया तो पुलिस ने मामले की जांच सीओ सिटी पंकज कुमार यादव के नेतृत्व में शुरू कर दी.

जांच में पाया गया कि यह फर्जी कम्पनी है और इसका जाल विभिन्न राज्यों और जिलों में फैला था. सोशल मीडिया के द्वारा कई अपराधी इसको प्रमोट कर रहे थे. इस कंपनी के लोगो से मोटी रकम नगद, क्रॉप्टो करेंसी, यूपीआई आदि माध्यमों से एकत्रित की गई है. इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों में सांगानेर निवासी अतुल कुमार और मुकुल कुमार दोनों सगे भाई है. इसके अलावा भरतपुर के रूपवास निवासी कृष्ण कुमार, भुसावर निवासी राकेश कुमार शामिल है. इस गिरोह के मास्टरमाइंड को भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा. इन आरोपियों से पूछताछ में पता चला है कि उस गिरोह में आरोपियों की चैन लंबी है.

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